भगवान हनुमान की जाति और धर्म को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले दलित और फिर मुसलमान बताए जाने के बाद अब उन्हें जाट करार दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने गुरुवार (20 दिसंबर) को विधान परिषद में प्रश्नकाल के बीच कहा, “दूसरों के फटे में जो टांग अड़ाता है, वही जाट हो सकता है। हनुमान मेरी जाति के थे।” बता दें कि लक्ष्मी नारायण जाट हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सदन में कबीना मंत्री का यह बयान सुनकर कुछ हंसे तो कुछ लोग चौंक गए, मगर कुछ ही पलों बाद सदन में इस टिप्पणी को लेकर हो-हल्ला मच गया। बाद में वहां हिंदू देवी-देवताओं के अपमान से संबंधित प्रस्ताव पेश किया गया।

हालांकि, चर्चा में सदन के नेता डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि चुनाव से पूर्व विपक्ष राजनीतिक फायदे के लिए फिजूल के मुद्दे उठाता रहा। अब उसकी तरफ से सदन में गलत बयानबाजी हो रही है। हमारी ओर से इस बारे में स्पष्टीकरण दिया जा चुका है। सभापति ने इसके बाद प्रस्ताव कबूलने से मना कर दिया।

बाद में समाचार एजेंसी एएनआई से कबीना मंत्री बोले, “मैंने इतना कहा था- हम किसी भी स्वभाव से यह पता करते हैं कि वह किसके वंशज होंगे। जैसे वैश्य जाति को लेकर हम मानते हैं कि वह अग्रसेन के वंशज हैं। कारण- महाराजा अग्रसेन स्वयं व्यापार करते थे। ऐसे ही जाट का स्वभाव का स्वभाव होता है कि अगर किसी के साथ अन्याय हो, तो वह बगैर बात के, जान-पहचान के बिना वह उसमें कूद पड़ता है। जिस तरह भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण हुआ, अब हनुमान उसमें दास के रूप में बीच में शामिल हुए। हनुमान जी की प्रवृत्ति जाटों से मिलती है, लिहाजा मैंने कहा कि हनुमान जाट ही होंगे।”

इससे पहले, सुबह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक बुक्कल नवाब ने कहा था, “हनुमान मुसलमान थे, लिहाजा मुस्लिमों के नाम हनुमान जैसे रखे जाते हैं। मसलन रहमान, रमजान, फरहान, सुलेमान, सलमान, जिशान और कुर्बान…ये जितने भी नाम रखे जाते हैं, वे करीब-करीब उन्हीं के नाम पर रखे जाते हैं।” सुनिए उनका इस मसले पर बयानः

हनुमान को पूर्व में दलित बताए जाने को लेकर उन्होंने बताया, “हनुमान को जाति-धर्म में बांटने की बात होती है, पर असलियत है कि वह पूरी दुनिया और सभी धर्मों के थे। मेरा मानना है कि वह मुसलमान थे।” सुनें बीजेपी विधायक क्या बोले थेः

बता दें राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की तरफ से स्टार प्रचारक रहे सीएम योगी ने वहां एक जनसभा में भगवान हनुमान को अनुसूचित जाति का बताया था। वहीं, से इस मसले पर विवाद हुआ। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य दलों व साधु-संतों ने इसकी कड़ी निंदा की थी।

हालांकि, बाद में सीएम ने बयान को लेकर सफाई भी जारी की थी। उनके मुताबिक, “मैंने हनुमान जी की जाति नहीं बताई। देवत्व इंसान के कृतित्व के भीतर ही होता है। किसी की जाति का व्यक्ति देवत्व प्राप्त कर सकता है।”