पिछले कुछ महीनों में कम से कम 16 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मिला है। इसके अलावा उनके पास तीन ड्रोन ड्रॉप और कई खुफिया सूचना थी। जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि जम्मू के इलाकों में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के प्रयास में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह या तो मंदिरों या हिंदू बहुल इलाके को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं।

6 फरवरी को, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू के कुंजवानी चौक से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े लश्कर-ए-मुस्तफा संगठन के एक कथित संचालक हिदायतुल्ला मलिक उर्फ ​​हसनैन को गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से दो पिस्तौल और एक हथगोला बरामद किया। बाद में उसके छह साथियों को गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि समूह को जम्मू के किसी भी प्रमुख मंदिर को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था।

13 फरवरी को, पुलिस ने कहा कि उन्होंने अल बद्र संगठन के एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है जो जम्मू बस स्टैंड पर टाइमर आईईडी लगाने का प्रयास कर रहा था। चार गुर्गों और ओवरग्राउंड वर्करों को गिरफ्तार किया गया।

14 अप्रैल को पुलिस ने जम्मू शहर के बाहरी इलाके से कुपवाड़ा निवासी और कथित आईएसजेके (इस्लामिक स्टेट इन जम्मू एंड कश्मीर) के संचालक आकिब बशीर पर्रे उर्फ ​​असदुल्ला को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दावा किया कि वह संगठन के नेटवर्क को मजबूत करने और नागरिकों को निशाना बनाने वाले हमले शुरू करने के लिए क्षेत्र में था।

26 जून को, पुलिस ने बताया कि उन्होंने जम्मू के रामबन जिले के बनिहाल के निवासी नदीम-उल-हक से एक आईईडी बरामद की है। पुलिस ने कहा कि वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फोर्स का ओवरग्राउंड वर्कर है। बाद में उसके दो और साथियों को गिरफ्तार किया गया। उसी रात, दो ड्रोन ने शहर में एक IAF बेस पर दो IED गिराए थे।

11 जुलाई को पुलवामा निवासी लश्कर-ए-तैयबा के कथित आतंकी मुंतिजार अहमद भट को जम्मू में पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि उन्होंने उसके पास से एक पिस्तौल और दो हथगोले बरामद किए हैं, और दावा किया कि उसे शहर के एक प्रमुख मंदिर को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था।

22-23 जुलाई की रात पुलिस ने जम्मू के गुरान पाटन इलाके में एक आईईडी के साथ एक ड्रोन बरामद किया। हालांकि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सभी आईईडी ड्रोन द्वारा गिराए गए थे। ये पाकिस्तान से आए थे। अधिकारी ने कहा कि यह भी पाया गया है कि जम्मू शहर में भीड़भाड़ वाले हिंदू क्षेत्रों को निशाना बनाने के लिए आईईडी विस्फोट किए जाने थे।