फ्रांस में राफेल विमान की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा शस्त्र पूजा को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस की तरफ से विमान पूजा को तमाशा बताए जाने के बाद भाजपा की तरफ से इस बात को लेकर कड़ा जवाब दिया गया है। भाजपा ने कांग्रेस पर भारतीय परंपरा का विरोधी होने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने फ्रांस में शस्त्र पूजा को तमाशा करार देते हुए कहा था कि ऐसा ड्रामा करने की जरूरत ही नहीं था। हालांकि, खड़गे के इस बयान पर कांग्रेस में ही एकमत नहीं दिखाई दिया। महाराष्ट्र में टिकट बंटवारे से नाराज चल रहे मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने खड़गे को नास्तिक बता दिया।

निरुपम ने कहा कि हमारे देश में शस्त्र पूजा की परंपरा है। खड़गे नास्तिक हैं इसलिए ऐसी बातें कर रहे हैं। वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने खड़गे के इस बयान पर पलटवार किया। अमित शाह ने कहा कि अभी-अभी मुझे पता चला कि कांग्रेस के खड़गे साहब ने बयान दिया है कि राफेल की शस्त्र पूजा का तमाशा करने की क्या जरूरत थी? लेकिन इसमें इनका दोष नहीं है, क्योंकि इनको इटली की संस्कृति की ज्यादा जानकारी है, भारत की संस्कृति की नहीं।

दोनों दलों को बीच छिड़ी जुबानी जंग के बीच सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो सामने आया है। 1948 के बताए जा रहे वीडियो जवाहर लाल नेहरु एक जहाज के जलावतरण के मौके पर पूजा करते नजर आ रहे हैं। वीडियो की कॉमेंट्री में बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू नारियल फोड़कर जहाज के पानी में उतारने की रस्म पूरी कर रहे है। इस वीडियो को सैयद अतहर देहलवी ने 14 मार्च 2018 को ट्वीट किया है।


देहलवी का दावा है कि यह वीडियो 14 मार्च 1948 है। वीडियो में आजाद भारत के पहले जहाज ‘जल उषा’ को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हिंद महासागर में उतारा गया था। वीडियो में पंडित मंत्रोच्चार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। सैयद अतहर देहलवी ने बुधवार को अपने इस ट्वीट को रिट्वीट किया। राफेल की पूजा पर छिड़े विवाद पर अतहर ने लिखा कि राजनाथ सिंह ने फ्रांस में जो किया उसमें कुछ भी नया नहीं है।