यूं तो हम 21वीं सदी में जी रहे हैं और लोग चांद पर पहुंच चुके हैं। लेकिन भारत में आज भी छूआछूत और जात-पात की समस्या ज्यों की त्यों है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं का है। यहां एक नवविवाहित जोड़ा शादी के बाद मंदिर में भगवान का आशीर्वाद लेने पहुंचा तो अनुसूचित जाति होने की वजह से गांववालों ने मंदिर में ही ताला जड़ दिया।
मामला सिविल लाइंस थाना क्षेत्र का है। गांव भगवती पुर में रहने वाले ओमप्रकाश के बेटे सोनू की शादी मौसमपुर निवासी अनामिका के साथ हुई थी। शादी की रस्में पूरी करने के बाद जब दुल्हा अपनी दुल्हन के साथ अपने गांव के मंदिर में पहुंचा तो गांववासियों ने वहां पहले से ताला लगाया हुआ था। नविवाहित जोड़ा और उनके रिश्तेदार ढोल नगाड़े के साथ मंदिर पहुंचा था। मंदिर में ताला देखने पर रिश्तेदार हैरान हो गए। इसके बाद गांवासियों को मनाने की कोशिश की गई लेकिन वह नहीं माने। आरोपियों चाबी को अपने पास ही रखे हुए थे।
रिश्तेदारों से साफ कह दिया गया कि वह दलित हैं इस वजह से उन्हें मंदिर में घुसने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस दौरान लड़के के परिवारवाले भी उनसे गुजारिश करते रहे लेकिन आरोपियों ने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी।
कई प्रयास करने के बावजूद न मानने पर परिवारवालों ने पुलिस को सूचना दी और मौके पर पहुंच पुलिस ने स्थिति को अपने नियंत्रण में लिया। पुलिस ने आरोपियों से कहा कि वह चाबी दें वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चाबी मिलने के बाद तुरंत गेट खुलावाया गया और नव-विवाहित जोड़े ने पूजा अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद लिया।