महाकुंभ 2025 का भले ही समापन हो चुका है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था अभी भी संगम तट पर उमड़ रही है। कुंभ मेले के दौरान भारी भीड़ की वजह से स्नान से वंचित रह गए श्रद्धालु अब संगम आकर पवित्र डुबकी लगा रहे हैं। जल पुलिस के प्रभारी जनार्दन साहनी ने बताया कि आम दिनों की तुलना में संगम पर श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक बनी हुई है। संगम तट की सुरक्षा के लिए जल पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो।

45 दिनों के दौरान 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

महाकुंभ के 45 दिनों के दौरान 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई, लेकिन कई लोग भीड़ के डर से स्नान नहीं कर पाए। अब जब मेला समाप्त हो गया है, तो वे संगम पहुंच रहे हैं। चेन्नई से आए आशीष कुमार सिंह ने बताया कि भीड़ से बचने के लिए उन्होंने कुंभ खत्म होने के बाद संगम स्नान करने का फैसला किया। इसी तरह, जयपुर के योगेंद्र गंगवार ने बताया कि मेले के दौरान बस और ट्रेनों में जगह नहीं मिलने के कारण वे नहीं आ सके, लेकिन अब आराम से प्रयागराज पहुंचकर संगम स्नान कर रहे हैं।

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प्रयागराज प्रशासन ने यातायात प्रतिबंधों में ढील दे दी है, जिससे मेला क्षेत्र के पास के मैदान अब पार्किंग स्थल बन गए हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु सीधे गंगा घाटों की ओर जा रहे हैं। हालांकि, कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन शुक्रवार सुबह से ही त्रिवेणी संगम पर हजारों श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़ पड़े हैं। सुबह पांच बजे तक घाटों पर भक्तों का जोश और आस्था देखने लायक था, जिनमें बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु समेत कई राज्यों के लोग शामिल हैं।

महाकुंभ के दौरान न आ पाने वाले कई श्रद्धालु अब संगम आकर उसी उत्साह के साथ स्नान कर रहे हैं, जैसा कि मेले के दौरान देखा गया था। संगम नोज पर सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिल रही है, जबकि आसपास के घाट भी श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं। संगम तट पर उमड़ती भीड़ यह दर्शाती है कि महाकुंभ भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और संगम स्नान की परंपरा अब भी जारी है।