प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों से वादा किया गया था कि वे जब भी जरूरत महसूस करें भारत आ जाएं। स्वतंत्र भारत ने अल्पसंख्यकों से जो वादा किया था हमारी सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लाकर उसे पूरा किया है। पीएम ने कहा ‘स्वतंत्रता के बाद से स्वतंत्र भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों से ये वादा किया था कि अगर उनको जरूरत होगी तो वो भारत आ सकते हैं। यही इच्छा गांधी जी की थी और यही 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते की भी थी।’
नई दिल्ली स्थित करिअप्पा परेड ग्राउंड में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने यह बातें कही। पीएम ने कहा ‘दशकों पुरानी समस्याओं को सुलझा रही हमारी सरकार के फैसले पर जो लोग सांप्रदायिकता का रंग चढ़ा रहे हैं, उनका असली चेहरा भी देश देख चुका है और देख रहा है।’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा ‘मैं फिर कहूंगा कि देश देख रहा है, समझ रहा है। देश चुप जरूर है, लेकिन सब समझ रहा है। हमारे लिए हर एक भारतीय जरूरी है। मेरे लिए देश की प्रतिष्ठा ही सबकुछ है। यह लोग बदलते हुए भारत को समझ ही नहीं पाए। हम समस्याओं का समाधान भी कर रहे हैं और बेड़ियों को भी तोड़ रहे हैं।’
आर्टिकल 370 पर पीएम ने कहा ‘कश्मीर भारत की मुकुटमणि है, 70 साल बाद वहां से आर्टिकल 370 को हटाया गया। हम जानते हैं कि हमारा पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुका है। हमारी सेनाओं को उसे धूल चटाने में हफ्ते-दस दिन से ज्यादा समय नहीं लगता। हमारे युवा देश बदलना चाहता है, स्थितियां बदलना चाहता है। इसलिए उन्होंने तय किया है कि अब टाला नहीं जाएगा, अब टकराया जाएगा, निपटा जाएगा। हमारे देश का युवा आज इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है।’

