कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के दौरान किसानों का समर्थन करने वाले भाजपा सांसद वरुण गांधी का एक बयान फिर से चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने बैंक कर्मचारियों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की है। उन्होंने बरेली में कहा कि अगर बैंकों का निजीकरण होगा तो फिर 8-10 लाख लोगों की नौकरी चली जाएगी।

वरुण गांधी ने कहा, “बैंकों का अगर निजीकरण हुआ तो 8 से 10 लाख लोगों की नौकरी चली जाएगी।” बरेली में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि 40 से 45 साल के उम्र में बैंककर्मियों को फिर से कौन प्रशिक्षित करेगा? उन्हें फिर से कौन नियुक्त करेगा? उनके बच्चों को कौन खिलाएगा? वरुण गांधी ने कहा अगर एमटीएनएल, बीएसएनएल, एयरपोर्ट और एयरलाइंस बिक गए तो आम आदमी के बच्चों को कौन रोजगार देगा?

नौकरियां छीनी जा रही हैं: पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने बरेली में लोगों को संबोधित करते हुए निजीकरण और ई-कॉमर्स के जरिए हो रहे कई कारोबार को देश की अर्थ व्यवस्था के लिए नुकसानदायक बताया। उन्होंने कहा कि हर चीज़ में मुनाफा खोजना अच्छी बात नहीं है। लेकिन नौकरियां देने के बजाय उन्हें छीनने का काम हो रहा है।

संगठित हों सब: वरुण गांधी ने कहा कि निजीकरण के नाम पर सब कुछ बेचा जा रहा है। उन्होंने लोगों से कहा कि हिन्दू-मुस्लिम, जाति-धर्म, अगड़ा-पिछड़ा के जाल से बाहर निकलकर संगठित होइए और आवाज़ उठाइए और देश बचाइए।

वहीं इससे पहले वरुण गांधी ने कर्मचारियों के समर्थन में कहा था कि बैंकों के बढ़ते घाटे के लिए सरकारी बैंकों के कर्मचारियों को दोष नहीं देना चाहिए। सरकार को बैंकों का निजीकरण रोकना चाहिए।

मेरे लिए देश पहले’: सांसद ने कहा कि देश में युवा रोज़गार की तलाश में भटक रहे हैं। इस स्थिति से अलग निजीकरण के नाम पर करोड़ों लोगों को बर्बाद करने की साजिश की जा रही है। वरुण गांधी ने कहा मेरे लिए देश पहले है उसके बाद राजनीति है। वह राष्ट्र के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।