कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर की कंपनियां इस वक्त वैक्सीन बनाने की तैयारियों में जुटी हैं। कई कंपनियों ने तो वैक्सीन के अंतिम चरण की टेस्टिंग भी शुरू कर दी है। हालांकि, जैसे-जैसे इन वैक्सीनों पर काम आगे बढ़ रहा है, वैसे ही कई फार्मा कंपनियों पर साइबर अटैक भी तेज हो गए हैं। हैकर्स के निशाने पर अब भारतीय कंपनियां हैं। 15 दिन पहले ही डॉक्टर रेड्डीज लैब पर साइबर हमला हुआ था। अब खबर है कि मुंबई की फार्मास्यूटिकल फर्म लुपिन पर भी इसी तरह का अटैक हुआ है।

दवा उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि वैक्सीन को लेकर जो साइबर हमले अब तक पश्चिमी देशों में सीमित थे, वे अब महामारी बढ़ने के साथ पूरी दुनिया में फैल रहे हैं। भारत की फार्मा कंपनियां मौजूदा समय में कोरोना वैक्सीन की वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा हैं। ऐसे में हैकर्स उन्हें निशाना बनाने की पूरी कोशिश में हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसे और साइबर हमले भी आगे हो सकते हैं।

माना जा रहा है कि दवा की जानकारी हासिल करने और इसकी सप्लाई चेन का पता लगाने के लिए हैकर्स साइबर हमलों को अंजाम दे रहे हैं। भारत की एक वैक्सीन फर्म के अधिकारी ने बताया कि देश की ज्यादातर फार्मा कंपनियां अपने दस्तावेज और उत्पादन प्रक्रिया से जुड़ा डेटा पिछले दशक में डिजिटल स्पेस में डाल चुकी हैं। पिछले साल ही इस डिजिटाइजेशन के खतरे को उठाया गया था। तब साइबर सिक्योरिटी की सेवाएं मुहैया कराने वाली संस्था कास्परस्काई ने साइबर हमलों के लिए भारत को छठा सबसे संवेदनशील देश बताया था और कहा था कि यहां दवा बनाने वाली साइबर अपराधियों के हमले के सबसे ज्यादा खतरे में हैं।

कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत की फार्मा कंपनियां कोरोनावायरस के दौर में सस्ती कीमत और बड़े स्तर पर दवा मुहैया कराने में अहम साबित हो रही हैं। इसलिए साइबर अपराधियों का ध्यान भी इस और पहुंच रहा है। दुनियाभर की बड़ी कंपनियों के साथ भारतीय फार्मा कंपनियों पर साइबर हमलों के बढ़ने का मतलब है कि भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल है, जो कोरोना वैक्सीन बनाने की रेस में हैं।

बता दें कि डॉक्टर रेड्डीज लैब पर साइबर हमला तब हुआ था, जब कंपनी को भारत में रूस की कोरोना वैक्सीन- स्पूतनिक-V के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल करने की इजाजत मिली थी। इस हमले के बाद कंपनी ने अपने डेटा सेंटर और अन्य सेवाओं को अलग कर लिया था। हालांकि, डॉक्टर रेड्डीज लैब की तरह लुपिन किसी वैक्सीन परीक्षण के काम में नहीं जुटी है। अब तक दोनों ही कंपनियों ने साफ किया है कि साइबर हमलों की वजह से उनके आधारभूत काम पर असर नहीं पड़ा है।