भारतीय रेलवे ने 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का टेंडर रद्द कर दिया है। सरकार का यह फैसला चीन और चीनी कंपनियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल, पिछले महीने जब इन ट्रेनों के निर्माण के लिए बोली प्रक्रिया की शुरुआत की गई, तो कुल 6 कंपनियों में सिर्फ चीनी कंपनी CRRC पायनियर इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड ही एकमात्र विदेशी कंपनी थी, जो कि बोली लगाने के लिए आगे आई। इसके बाद रेलवे ने टेंडर को रद्द करने का फैसला किया।
रेल मंत्रालय ने शुक्रवार रात ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। साथ ही कहा कि अगले हफ्ते तक नए प्रावधानों के साथ टेंडर उतारा जाएगा। बताया गया है कि केंद्र सरकार वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण मेक इन इंडिया इनीशिएटिव के तहत ही करना चाहती है। चीन की सीआरआरसी कंपनी का गुरुग्राम की एक पायनियर फिल-मेड प्राइवेट लिमिटेड के साथ जॉइंट वेंचर है। लेकिन रेलवे का जोर टेंडर किसी घरेलू कंपनी को देने में है। बता दें कि चेन्नई में स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने यह टेंडर 10 जुलाई को उतारा था।
रेल मंत्रालय के मुताबिक, इस टेंडर के लिए जो पांच अन्य कंपनियां शामिल थीं, उनमें भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL), इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड और पावरनेटिक्स इक्विपमेंट शामिल थीं।
बता दें कि जून के मध्य में भारत और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख में हुई मुठभेड़ में 20 भारतीय जवानों की जान चली गई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते में तल्खी बरकरार है। भारत ने इस मामले में राजनयिक दबाव के साथ-साथ व्यापारिक दबाव भी बनाया है। रेलवे ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई। हाल ही में रेलवे ने कोरोनावायरस के सर्विलांस के लिए थर्मल कैमरे के टेंडर को रद्द कर दिया, क्योंकि इसमें भी चीनी कंपनियों को फायदा हो रहा था। इसके अलावा फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ने चीनी कंपनी के साथ 470 करोड़ रुपए के एक कॉन्ट्रैक्ट को पहले ही रद्द कर दिया है।