प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) काले धन को सफेद करने के आरोप में पूर्व गृह मंत्री और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और आईएनएक्स मीडिया पर मामला दर्ज करेगा। ईडी इन दोनों पर फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) बोर्ड से मंजूरी लेकर विदेशी निवेश हासिल करने में कथित धांधली का मामला दर्ज करेगा। ईडी प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज करेगा। सीबीआई ने सोमवार (15 मई) को कार्ति चिदंबरम और आईएनएक्स मीडिया समूह पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमें सीबीआई की एफआईआर की प्रति मिली है और हम जल्द ही काले धन को सफेद करने का मामला दर्ज करेंगे।” सीबीआई ने ईडी द्वारा मारे गए छापे में मिले दस्तावेज के आधार पर कार्ति चिदंबरम और आईएनएक्स मीडिया पर एफआईआर दर्ज की थी। ईडी पहले ही कार्ति चिदंबरम के एयरसेल-मैक्सिस सौदे से संबंधों की जांच कर रहा है। ईडी वासन हेल्थकेयर में विदेशी निवेश के मामले में भी कार्ति चिदंबरम की जांच कर रहा है। ईडी को छापे में आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश की तरफ इशारा करने वाले दस्तावेज मिले थे।
ईडी को मिले दस्तावेज के अनुसार कथित तौर पर कार्ति चिदंबरम से परोक्ष रूप से जुड़ी एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग नामक कंपनी ने साल 2008 में एफआईपीबी से विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाने के एवज में 10 लाख रुपये लिए थे। उस समय कार्ति के पिता पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे। किसी भी विदेशी निवेश को अंतिम मंजूरी एफआईपीबी ही देता था। सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम, पीटर मुखर्जी, इंद्राणी मुखर्जी के घरों समेत दिल्ली, मुंबई और चेन्नई इत्यादि शहरों में स्थित कुल 14 ठिकानों पर 16 मई को छापा मारा था। वहीं नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने 17 मई को एफआईपीबी को भंग करने की अनुशंसा की।
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक आईएनएक्स मीडिया में विदेश निवेश को पहले एफआईपीबी ने अनियमितता के चलते मंजूरी नहीं दी और उससे स्पष्टीकरण मांगा गया। लेकिन कार्ति चिदंबरम की बतायी जा रही कंपनी को कंसल्टेंसी के लिए नियुक्त करने के बाद उसे विदेशी निवेश की अनुमति मिल गयी। सीबीआई के अनुसार आईएनएक्स मीडिया को कथित तौर पर कार्ति चिदंबरम के रसूख का फायदा मिला।
सीबीआई के छापे के बाद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि उन्हें राजनीति वजहों से निशाना बनाया जा रहा है। कार्ति ने कहा कि उनके पिता पी चिदंबरम को बदनाम करने के लिए ये किया जा रहा है। कार्ति ने दावा किया कि सीबीआई उनके पर लगाए गए आरोपों को साबित नहीं कर पाएगी। वहीं पी चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार उनकी आवाज को दबाना चाहती है और नहीं चाहती कि वो विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार लिखें।