गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केन्द्र सरकार द्वारा पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया। इस वर्ष 4 हस्तियों को पद्म विभूषण, 17 हस्तियों को पद्म भूषण ,जबकि 107 हस्तियों को पद्म श्री सम्मान से नवाजा जाएगा। इस साल दिए जाने वाले सम्मान में पद्म भूषण पुरस्कार के लिए पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का भी नाम है। हालांकि, उन्होंने ये सम्मान लेने से मना कर दिया है। इसके अलावा, प्रख्यात तबला वादक पंडित अनिंद्य चटर्जी और गुजरे जमाने की दिग्गज गायिका संध्या मुखोपाध्याय ने भी पद्म सम्मान लेने से इनकार कर दिया है।
तीनों ही हस्तियां पश्चिम बंगाल से हैं जिन्होंने पद्म सम्मान न स्वीकार करने का फैसला किया है। तबला वादक पंडित अनिंद्य चटर्जी ने कहा, “मैंने विनम्रता से पद्मश्री स्वीकार करने से इनकार कर दिया। मैं इसके लिए धन्यवाद दिया, लेकिन अपने करियर के इस चरण पर पद्मश्री पुरस्कार स्वीकार करने के लिए मैं तैयार नहीं। मैं उस चरण से आगे निकल गया हूं।’
90 वर्षीय वरिष्ठ गायिका संध्या मुखोपाध्याय ने भी पद्मश्री पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है। संध्या मुखोपाध्याय का कहना है कि यह पुरस्कार उनके एक जूनियर कलाकार के लिए अधिक योग्य है ना कि उनके जैसे कद के किसी व्यक्ति के लिए। संध्या मुखर्जी की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने बताया कि उनकी मां को दिल्ली से एक वरिष्ठ अधिकारी ने फोन किया था। उनकी मां ने अधिकारी से कहा कि इस सम्मान को प्राप्त करने वाले के तौर पर नामित होने के लिए वो तैयार नहीं है, इस उम्र में पुरस्कार दिए जाने से वह खुद को अपमानित महसूस कर रही हैं।
इसके पहले, पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और वामपंथी नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म सम्मान के ऐलान के बाद कहा कि अगर सचमुच में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है तो वह इसे अस्वीकार करते हैं। बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा कि उनको इसके बारे न बताया गया और न ही इसके बारे में सहमति ली गई।
घोषणा के बाद पद्म पुरस्कार लेने से सार्वजनिक तौर पर इनकार करना बेहद दुर्लभ मामला है। प्रोटोकॉल के तहत, पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वालों को अनिवार्य रूप से इसके बारे में पहले सूचित किया जाता है और सूची की घोषणा उनके द्वारा स्वीकृति दिए जाने के बाद ही की जाती है।