चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध के बाद भारत सरकार की नजर उन निवेश प्रस्तावों पर है जिनमें चीन की कंपनियां शामिल हैं। भारत सरकार नए नियमों के तहत चाइनीज कंपनियों के निवेश प्रस्तावों की समीक्षा कर रही हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार सीमा पर टकराव के बीच केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निवेश प्रस्तावों पर कई तरह की क्लियरेंस की जरूरत होती है। हम पहले से अधिक सजग हो गए हैं। मामले से जुड़े तीन जानकार लोगों का कहना है कि भारत सरकार नई स्क्रीनिंग पॉलिसी के तहत उन 50 निवेश प्रस्तावों की जांच कर रही है जिसमें चीनी कंपनियां शामिल हैं।

मालूम हो कि सरकार ने पड़ोसी देशों से सभी तरह के निवेश को लेकर नए नियमों की घोषणा की थी। भारत के पड़ोसी देशों से होने वाले निवेश में चीन का भागीदारी काफी अधिक है। नए नियमों की चीनी निवेशकों और चीन ने आलोचना की थी। उन्होंने इन नीति को भेदभावपूर्ण बताया था।

नए नियमों का लक्ष्य कोरोनावायरस संकट के दौरान अवसरवादी अधिग्रहण पर लगाम लगाना था। हालांकि, बिजनेस से जुड़े लोगों का मानना है कि दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव और सैनिकों के बीच पिछले महीने हुई झड़प को देखते हुए चीन की तरफ से आने वाले निवेश प्रस्तावों की मंजूरी में अधिक समय लग सकता है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार सूत्रों ने उन कंपनियों के नाम बताने से इनकार कर दिया जिनके निवेश संबंधी आवेदन मंजूरी के लिए लंबित हैं। खबर के अनुसार अधिकारी और दो अन्य सूत्रों ने बताया कि नए नियमों की घोषणा के बाद चीनी निवेशकों के करीब 40-50 आवेदन आए हैं। सरकार की तरफ से  इनकी समीक्षा की जा रही है।

एक सूत्र ने बताया कि कई सरकार एजेंसियां जिनमें चीन में भारत का कॉन्सुलेट भी शामिल हैं, निवेशकों के बारे में सूचना ले रहा है। साथ ही कंपनियों के प्रतिनिधियों की तरफ से प्रस्ताव के संबंध में स्पष्टीकरण मांगे जा रहे हैं।