आठ दिन के सघन तलाशी अभियान के बाद भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को लापता एएन-32 विमान का मलबा ढूंढ निकाला। विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों में मिला। विमान के क्रैश होने वाली जगह की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें मलबा पूरे इलाके में बिखरा दिख रहा है। इसके अलावा, जंगल के एक बड़े हिस्से में पेड़ जले हुए नजर आते हैं। आशंका है कि क्रैश के बाद लगी आग से ये पेड़ जल गए होंगे। विमान का मलबा दुर्गम पहाड़ी इलाके में मिला है। यह जगह चीन सीमा के बेहद नजदीक है। भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा कि वायुसेना, थलसेना और नागरिक प्रशासन की एक टीम हेलिकॉप्टर के जरिए बुधवार को क्रैश साइट पहुंचेगी ताकि ‘जीवित बचे लोगों और बाकी चीजों’ की तलाश की जा सके।

इससे पहले, मलबा मिलने की पुष्टि करते हुए सिंह ने बताया कि मलबा लिपो से 16 किमी उत्तर और टाटो के उत्तर पूर्व में करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर मिला। विमान की तलाश में भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टरों को लगाया गया था जो काफी बड़े क्षेत्र में मलबा ढूंढने में लगे हुए थे। सिंह के मुताबिक, अब विमान में सवार लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जिस पहाड़ी इलाके में मलबा मिला है, यहां स्थित एक गांव में चुनाव कराने के लिए पोलिंग अधिकारियों को तीन दिन की चढ़ाई करनी पड़ी थी।

टाटो पिछले दिसंबर में बनाए गए शी योमी जिले का मुख्यालय है। शी योमी उत्तर में चीन से सटा है और यह अरुणाचल प्रदेश के सबसे सुदूर के इलाकों में स्थित है। अरुणाचल प्रदेश के अधिकारियों का कहना है कि यह फिलहाल तय नहीं हो पाया है कि मलबे वाली जगह शी योमी में आता है या पड़ोस के सियांग में। बता दें कि सेना का एएन-32 विमान ने असम के जोरहाट बेस से 3 जून को दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब उड़ान भरी थी। हालांकि, यह अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाया। विमान का ग्राउंड स्टाफ से आखिरी बार संपर्क दोपहर 1 बजे हो पाया था। विमान पर कुल 13 लोग सवार थे।