शिवसेना नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को लेकर शुक्रवार को खबरें चलीं कि उन्होंने अपने ट्विटर बायो से मंत्री पद का जिक्र हटा दिया है। अटकलें लगाई जाने लगीं कि आदित्य ठाकरे इस्तीफा दे सकते हैं। इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए शिवसेना ने मामले को स्पष्ट कर दिया है।
शिवसेना ने इस खबर को फर्जी बताया है। शिवसेना का कहना है कि आदित्य ठाकरे ने कभी अपने बायो में मंत्री लिखा ही नहीं था। पार्टी की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि मंत्री बनने के बाद आदित्य ठाकरे ने सिर्फ अपने इंस्टाग्राम अकाउंट की प्रोफाइल में ‘मंत्री’ लिखा था। आदित्य ठाकरे ने पिछले साल से अपने ट्विटर पर अपने बायो में बदलाव नहीं किया है।
बता दें कि आदित्य ठाकरे का अभी जो ट्विटर बायो है, उसमें उन्हें युवा सेना का अध्यक्ष, मुंबई डिस्ट्रिक्ट फुटबाल एसोसिएशन का अध्यक्ष बताया गया है। बीते दिनों अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के भूमिपूजन के बाद शिवसेना ने मुंबई में जगह जगह होर्डिंग लगाए थे। इन होर्डिंग्स में भी आदित्य ठाकरे की तस्वीर गायब थी, जिसे लेकर महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा रही थी।
गौरतलब है कि आदित्य ठाकरे के नेतृत्व वाला संगठन युवा सेना इन दिनों NEET JEE परीक्षाएं स्थगित करने की मांग को लेकर भी चर्चा में है। इसे लेकर युवा सेना द्वारा कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई है। आदित्य ठाकरे ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है।
मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने की आरोपी महिला को नहीं मिली अदालत से अंतरिम राहतः बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे के बारे में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने की आरोपी एक महिला को गिरफ्तारी से अंतरिम छूट प्रदान करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। नवी मुंबई निवासी सुनैना होले ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज तीन प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था।
विभिन्न समूहों के बीच कटुता को बढ़ावा देने के अलावा 38 वर्षीय महिला पर मानहानि और सार्वजनिक शांति को भंग करने का आरोप भी लगाया गया है। आरोपी ने सोशल मीडिया पर 25 से 28 जुलाई के बीच उद्धव और आदित्य ठाकरे के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट किया था। महिला के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति वीजी बिष्ट की खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि इस मामले ने “राजनीतिक रंग” ले लिया है और आरोपी ने कभी भी नफरत भरा बयान नहीं दिया और न ही शत्रुता को बढ़ावा देने वाला कोई पोस्ट किया। (भाषा इनपुट्स के साथ)

