भारत के सौर मिशन आदित्य-L1 ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार को बताया कि आदित्य-L1 के पेलोड HEL1OS ने सौर ज्वालाओं की पहली हाई एनर्जी एक्सरे की तस्वीर कैद की है।

इसरो ने X पर पोस्ट कर दी जानकारी

इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट कर बताया, ”29 अक्टूबर 2023 को लगभग 12:00 से 22:00 UT तक अपने पहले ऑब्जर्वेशन पीरियड के दौरान आदित्य-L1 बोर्ड पर हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर ने सौर ज्वालाओं के चरण को रिकॉर्ड किया है। रिकॉर्ड किया गया डेटा NOAA (National Oceanic and Atmospheric Administration) के GOES (Geostationary Operational Environmental Satellites) की ओर से प्रदान किए गए X-ray Light Curves के अनुरूप है।”

इसरो के अनुसार HEL1OS सूर्य की हाई एनर्जी एक्स-रे गतिविधि की निगरानी करने के लिए तैयार है, जिसमें तेज समय और हाई-रिजॉल्यूशन स्पेक्ट्रा है। HEL1OS डाटा शोधकर्ताओं को सोलर फ्लेयर्स के आवेगपूर्ण चरणों के दौरान हुई विस्फोटक ऊर्जा और इलेक्ट्रॉन का अध्ययन करने में मददगार साबित हो बनाता है।

सूर्य का अध्ययन करने के लिए स्पेस में भेजे गए इसरो के पहले अंतरिक्ष मिशन आदित्य एल1 ने अपना वैज्ञानिक प्रयोग शुरू कर दिया है। इससे पहले सितम्बर में रिमोट सेंसिंग पेलोड ने पृथ्वी से 50,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर सुपरथर्मल आयनों, या बहुत ऊर्जावान कणों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू किया था।

2 सितंबर को लॉन्च हुआ था आदित्य L-1 मिशन

2 सितंबर को लॉन्च किए गए आदित्य-एल1 मिशन का उद्देश्य सूर्य के प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और कोरोना का अध्ययन करना है। यह अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता और कणों और क्षेत्रों के प्रसार की भी जांच करेगा। अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी की ओर जाने वाली चार गतिविधियों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, इसके साथ ही TL1I के साथ एल1 बिंदु की ओर यात्रा की शुरुआत हुई है।

आदित्य एल-1 में लगा 7 पेलोड्स सूरज से निकलने वाली विभिन्न किरणों का अध्ययन करेगा। आदित्य एल-1 सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी भी करेगा। इसरो इस मिशन की मदद से सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास कर रहा हैं।