पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर आ रही है, बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। असल में अटकलें तो पहले से ही लगाई जा रही थीं, लोकसभा चुनाव से पहले भी अधीर रंजन इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे, लेकिन तब उसे हाईकमान ने स्वीकार नहीं किया था। अब माना जा रहा है कि अधीर रंजन ने अपना मन बना लिया है, उनकी तरफ से इस्तीफा दे दिया गया है।

अधीर रंजन क्यों देना चाहते थे इस्तीफा?

अभी तक कांग्रेस ने आधीकारिक तरीके से इस बात की पुष्टि नहीं की है, खुद अधीर रंजन ने भी सामने से आकर कुछ नहीं बताया है। वैसे बड़ी बात यह है कि बंगाल कांग्रेस कुछ समय से तनाव देखने को मिल रहा था। असल में चुनाव के वक्त बंगाल कांग्रेस का एक धड़ा अगर टीएमसी के साथ गठबंधन को राजी था तो दूसरी तरफ अधीर रंजन ने साफ मना कर दिया था। इसी वजह से उनकी सीएम ममता बनर्जी के साथ भी तल्खी देखने को मिल गई थी और हाईकमान को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था।

चुनाव हार गए थे अधीर

बड़ी बात यह है कि इस बार खुद अधीर रंजन भी लोकसभा चुनाव में हार गए थे। उन्होंने बहरामपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन यूसफ पठान के हाथों से करारी हार झेलनी पड़ी। उस हार के बाद से भी माना जा रहा था कि अधीर रंजन बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं। अब खबर है कि वे इस फैसले के साथ आगे बढ़ चुके हैं। अगर यह खबर सही निकलती है तो उस कांग्रेस के लिए कई चुनौतियां खड़ी हो जाएंगी।

बंगाल कांग्रेस का मजबूत चेहरा अधीर

यह नहीं भूलना चाहिए कि बंगाल में कांग्रेस की सबसे मुखर आवाज अधीर रंजन चौधरी ही हैं, उनकी तरफ से ही ममता बनर्जी के खिलाफ प्रचार किया गया है। कांग्रेस के संगठन को जिंदा रखने का श्रेय भी उनको ही जाता है। लेकिन अब तनातनी के बाद कहा जा रहा है कि अधीर रंजन ने इस्तीफा दे दिया है।