बांग्लादेश सियासी बदलाव के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहा है, इसका असर अब देश की पावर सप्लाई पर भी हो सकता है। वजह अडाणी ग्रुप की एक चेतावनी है। जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार जल्द से जल्द 500 मिलियन डॉलर (करीब 4200 करोड़ रुपये) का बकाया चुकाए। अडाणी ग्रुप ‘बांग्लादेश गोड्डा बिजली परियोजना’ के तहत बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करता है। अडाणी पावर ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया है कि उनकी बांग्लादेश सरकार के साथ लगातार बातचीत हो रही है और उन्हें इस संबंध में जानकारी दे दी गई है।

अडाणी ग्रुप की ओर से कहा गया है कि बहुत ज़्यादा बकाया होने के बावजूद फिलहाल वह गोड्डा बिजली परियोजना के तहत बांग्लादेश को सप्लाई देता रहेगा।

आर्थिक संकट से जूझ रहा बांग्लादेश

नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली नई अंतरिम सरकार को देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सप्ताह तक बांग्लादेश पर कुल 3.7 बिलियन डॉलर की बिजली देनदारी थी। इसी रिपोर्ट में मोहम्मद यूनुस के टॉप ऊर्जा सलाहकार मुहम्मद फ़ौज़ुल कबीर खान ने कहा कि देश पर अडाणी का 800 मिलियन डॉलर तक का बकाया है।

पिछले साल (2023 में) उद्योगपति गौतम अडाणी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की थी। इस दौरान झारखंड के गोड्डा जिले में 1600 मेगावाट के अल्ट्रा सुपर-क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट से बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई शुरू की गई थी। जिससे यह भारत का एकमात्र ऐसा पवार प्लांट बन गया था जो अपना पूरा उत्पादन पड़ोसी देश को निर्यात करता है, लेकिन हाल ही में इसमें संशोधन भी कर दिया गया है। इस सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 में ढाका यात्रा के दौरान सहमति बनी थी, हालांकि इस योजना की काफी आलोचना भी हुई थी।

वर्ल्ड बैंक से मांगा गया है अरबों का कर्जा

मुहम्मद फ़ौज़ुल कबीर खान कहा कि अंतरिम सरकार ने देश की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए वर्ल्ड बैंक से अरबों डॉलर का कर्जा मांगा गया है। मोहम्मद यूनुस ने अगस्त में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के तौर पर बांग्लादेश की सत्ता संभाली थी। यह पद सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर छात्रों के नेतृत्व में कई सप्ताह तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद संभाला गया था, जिसके कारण हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा था।