यूपी रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने उन परियोजनाओं की जांच के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया है जो खरीदारों या आवंटियों द्वारा किश्तों का भुगतान न करने के चलते रुकी हुई हैं। बता दें कि यूपी रेरा ने फैसला किया है कि अब अगर हाउस अलॉटी ने किश्तों की पेमेंट नहीं की तो प्रमोटर को ब्याज वसूलने या फिर अलॉटमेंट कैंसिल करने का अधिकार होगा।

गौरतलब है कि यूपी रेरा के अधिकारियों के सामने हाल ही में आवंटन राशि अदा ना करने का मुद्दा लाया गया था। ऐसे में बारह लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक समिति गठित की गई। जिसकी बैठक में यूपी रेरा अध्यक्ष ने कहा कि धारा 8 में इस तरह का प्रावधान है।

बता दें कि नियम के मुताबिक कई किश्तों का भुगतान न करने पर खरीदार का आवंटन रद्द हो सकता है। इसके अलावा उसे फ्लैट बुक करने के दौरान भुगतान किए गए पैसे को काटकर केवल मूल राशि वापस करनी होगी।

अधिकारियों ने कहा कि यूपी-रेरा अधिनियम में एक खंड था जो बिल्डरों को किश्तों का भुगतान न करने पर फ्लैटों के आवंटन को रद्द करने की अनुमति देता था, यह शायद ही उनके लिए कोई राहत साबित हो रहा था।

ऐसा इसलिए था क्योंकि इस तरह आवंटन रद्द होने के मामले में एक डेवलपर को खरीदार को पूरी राशि का भुगतान करना पड़ता था। अधिकारियों ने बताया कि इससे अक्सर परियोजनाओं पूरी होने की गति प्रभावित होती है। क्योंकि डेवलपर्स को निर्माण कार्य के लिए अलग रखी गई धनराशि से भुगतान करना होता है।

रेरा के एक अधिकारी ने कहा, “यूपी-रेरा अधिनियम में एक खंड के अनुसार, यदि कोई खरीदार बार-बार किश्तों का भुगतान करने में देरी करता है तो बिल्डर फ्लैट के आवंटन को रद्द कर सकता है। ऐसे मामलों में बिल्डर खरीदार को नोटिस जारी कर किस्त और जुर्माना राशि की मांग कर सकता है।”

अधिकारी ने कहा, “अगर खरीदार लगातार तीन महीनों तक किस्त का भुगतान करने में विफल रहता है, तो बिल्डर को आवंटन रद्द करने का अधिकार है।”