पत्रकार व एक्टिविस्ट गौरी लंकेश हत्याकांड में एक नया सनसनीखेज खुलासा हुआ है। एक संदिग्ध ने आरोप लगया है कि कर्नाटक पुलिस ने उसे हत्या की बात कबूल करने के लिए 25 लाख रुपये देने की पेशकश की। वहीं, एक अन्य संदिग्ध ने दावा किया है कि उसके परिवार को धमकी देकर आरोप कबूल करने का दबाव बनाया गया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, परशुराम वाघमारो नाम के एक आरोपी शूटर ने कोर्ट ले जाने समय कहा, “स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने उसे अपराध कबूल करने के लिए 25 लाख रुपये की पेशकश की।” वहीं, दूसरे संदिग्ध मनोहर इडावे ने भी इस अपराध में किसी भी तरह से शामिल होने से इंकार किया है। उसने कहा, “मेरे उपर हत्या की बात कबूल करने के लिए दबाव बनाया गया। कहा गया कि ऐसा नहीं करने पर उसके परिवारवालों और दोस्तों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।” वहीं, इस पूरे मामले पर एसआईटी के एक बड़े अधिकारी ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। बता दें कि वाघमारे और इडावे अभी तक गौरी लंकेश हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए 12 लोगों में शामिल हैं।
गौर हो कि 5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरू के राजराजेश्वरी नगर में अज्ञात लोगों द्वारा दक्षिणपंथी हिंदू चरमपंथ के मजबूत आलोचक एमएस लंकेश की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। अपने पिता द्वारा शुरू किए गए कन्नड़ साप्ताहिक ‘लंकेश पत्रिका’ में एक संपादक के रूप में काम करने के अलावा वह अपना ‘गौरी लंकेश पत्रिका’ का भी प्रकाशन करती थी। हालांकि, किसी अापराधिक मुकदमे की सुनवाई के दौरान एक संदिग्ध या आरोपी के इस तरह के कबूलनामे अथवा दावे से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इस हत्याकांड की जांच करने वालों ने दोनों के दावे और आरोपों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब ये चार महीने तक सलाखों के पीछे थे, तब कुछ क्यों नहीं कहा था?
पिछले महीने, महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद विरोधी दल ने संदिग्ध दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठन के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। उनके पास से हथियारों और विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया था। उनमें से एक ‘सुधानव गोंडलेकर’ ने गौरी लंकेश के साथ-साथ नरेंद्र दाभोलकर और एमएम कलबुर्गी की हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकर की थी।