झारखंड के देवघर जिले में ‘रोपवे’ केबल कार हादसे के बाद 32 लोगों को बचा लिया गया है जबकि सोमवार देर शाम अंतिम सूचना मिलने तक करीब 26 घंटे बाद भी सोमवार को 15 लोग बीच हवा में लटके हुए थे। हादसे के बाद बचाव अभियान के दौरान हेलिकाप्टर से गिर जाने से सोमवार को एक और व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जिससे हादसे में मृतक संख्या दो हो गई है। हादसे में रविवार को एक महिला की मौत हो गई थी और 12 अन्य जख्मी हुए हैं।
देवघर के उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि यात्रियों को वायुसेना के दो हेलिकाप्टरों की मदद से निकाला गया। तकनीकी खराबी की वजह से ‘रोपवे’ की कारें आपस में टकरा गई थीं जिस वजह से यह हादसा हुआ है। भाजपा के स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे ने हालांकि दावा किया कि तीन लोगों की मौत हो गई। 19 घंटे तक एक ट्राली में फंसे रहे संदीप ने कहा, मुझे लगता है कि बाबा बैद्यनाथ ने मुझे दूसरी जिंदगी दी है। मैं रात भर हवा में लटकी ट्राली में फंसे रहने के दर्दनाक अनुभव को बयां नहीं कर सकता। यह भयावह था। लगभग 100 फुट की ऊंचाई पर ट्राली हवा में लटकी थी।
उन्होंने कहा कि ट्राली की बिजली अचानक चली गई और वह बीच में ही रुक गई। जब मैंने रविवार को शाम करीब चार बजे हेल्पलाइन नंबर पर काल की, तो मुझे बताया गया कि यह तकनीकी खराबी के कारण बंद हो गई है, जिसे ठीक किया जा रहा है। मैंने शाम सात बजे फिर से फोन किया।
उन्होंने कहा कि ‘रोपवे’ काम नहीं कर रहा है और वे हमें सोमवार को हेलीकाप्टर के जरिए निकालेंगे। हम ट्राली में चार लोग थे और बहुत डरे हुए थे।’ पश्चिम बंगाल के देवांग जयपाल ने कहा, बाबा बैद्यनाथ की बाकी पेज 8 पर पूजा करने के बाद, मैं इस ‘रोपवे’ की सवारी का आनंद लेना चाहता था।
कौन जानता था कि मैं पूरी रात एक ट्राली में लटका रहूंगा। उन्होंने कहा, ‘भोजन और पानी नहीं होने के कारण, रविवार की रात को हम सो नहीं सके। सोमवार को हमें ड्रोन के जरिए कुछ खाना और पानी दिया गया। हमारी जान बचाने के लिए एनडीआरएफ, भारतीय वायुसेना और देवघर प्रशासन को धन्यवाद।’ घटना के करीब 24 घंटे बाद, फंसे हुए लोगों को ड्रोन के जरिए खाना और पानी पहुंचाया गया।
रविवार रात फंसे हुए 11 सैलानियों को निकाल लिया गया था। रविवार शाम चार बजे त्रिकुट पहाड़ी पर केबल कारों के आपस में टकराने से हुए हादसे में 12 लोग जख्मी हुए थे और एक शख्स की मौत हो गई थी। घटनास्थल बाब बैद्यनाथ के प्रसिद्ध मंदिर से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर है।
घटना पर दुख व्यक्त करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बचाव और राहत अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है।’ भजंत्री ने कहा, ‘मोहनपुर प्रखंड के तहत आने वाले त्रिकुट पर्वत पर ‘रोपवे’ यात्रा के दौरान फंसे लोगों को वायुसेना, एनडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की संयुक्त टीमें निकाल रही हैं।’ बचाव और राहत अभियान के लिए वायु सेना के दो हेलीकाप्टर लगाए गए हैं।
भजंत्री ने कहा कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके मुताबिक ‘रोपवे’ सिस्टम में खराबी के कारण हुई दुर्घटना में एक शख्स की मौत हो गई। ‘रोपवे’ का संचालन एक निजी कंपनी कर रही है। इसे चला रहे परिचालक दुर्घटना के कुछ देर बाद ही इलाके से भाग गए। झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार, यह ‘रोपवे’ बाबा बैद्यनाथ मंदिर से करीब 20 किलीमीटर दूर स्थित है और यह 766 मीटर लंबा है जबकि पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है।