संशोधित नागरिकता कानून पर देशभर में हल्ला मचा हुआ है। एक तरफ मोदी सरकार कह रही है कि इस कानून से किसी भी नागरिक की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा तो दूसरी तरफ विपक्षी दलों का कहना है कि यह कानून संविधान का उल्लंघन करता है। कानून का लोग जमकर विरोध कर रहे हैं। दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में माहौल तनावपूर्ण हैं। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में भी इसका विरोध किया जा रहा है।
संशोधित नागरिकता कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को इस कानून के जरिए भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इस मुद्दे पर एक न्यूज चैनल के लाइव डिबेट कार्यक्रम में चर्चा की गई। इस दौरान पैनल में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता ताहिरा हसन और एंकर के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। इस दौरान ताहिरा ने कहा कि देश के मुसलमान को कोई डर नहीं। इस पर एंकर उन्हें टोकते हुए कहा कि आंखें बंद करने का मतलब ये नहीं कि सच दिखेगा नहीं।
दरअसल डिबेट के दौरान एंकर पूछती हैं ‘मतलब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मुसलमानों को डराया जा रहा है। इस वजह से मुसलमान परेशान हैं?’ एंकर के इस सवाल पर ताहिर हसन कहती हैं ‘मुसलमान बिल्कुल नहीं डरे हुए हैं। जो सड़कों पर उतर रहे हैं उनसे मेरी भी अपील है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से उतरे। जो आज सड़कों पर उतर रहे हैं वह बाबा भीमराव अंबडेकर के लिए उतर रहे हैं। आप इस कानून के जरिए क्या मैसेज देना चाहते हैं। आप धर्म के नाम पर कैसे किसी को बुला रहे हैं। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से मुसलमानों को छोड़कर हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी समुदाय के लोग आ सकते हैं। क्या शिया मुस्लिमों वहां प्रताड़ना नहीं झेल रहे। जब आप इस तरह की बात करते हैं तो जाहिर है हमारा संविधान का तो उल्लंघन हो ही रहा है। इसके साथ ही कुछ लोग में डर पैदा हो रहा है लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि हम संविधान को ही सब कुछ मानते हैं जो कि हमारे लिए कुरान के समान है।’
ताहिरा के इतना कहते ही एंकर उन्हें बीच में ही टोक देती हैं। वह कहती हैं ‘आपने जिस तरह की बात रखी मैं उससे सहमत नहीं हूं। आप कहती हैं कि संविधान की रक्षा करने के लिए मुसलमान सड़क पर उतर रहे हैं। तो मुझे लगता है कि आपको देखना चाहिए था कि जब हम विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से पूछ रहे थे कि वे क्यों विरोध कर रहे हैं तो उन्होंने हमसे कहा था कि उनकी नागरिकता खतरे में है। वह कह रहे थे कि मुसलमान जो कि इस देश में सालों से रहते आ रहे हैं उन्हें नागरिक नहीं रहने देंगे। उसकी नागरिकता छीन लेंगे। ये डर है। आप आंखे बंद कर लेंगी तो इसका मतलब ये नहीं है कि सच्चाई नजर नहीं आएगी। देखिए डिबेट में आगे क्या हुआ:-