पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि अगर तत्कालीन गृह मंत्री पी वी नरसिम्हा राव सेना को बुलाने के सुझावों पर ध्यान देते तो 1984 के सिख विरोधी दंगों को टाला जा सकता था। बीजेपी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दंगों के लिए राजीव गांधी को जिम्मेदार बताया है। पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि गुजराल ने राव को सिख विरोधी हिंसा को रोकने के लिए सेना बुलाने का सुझाव दिया था। अगर इस सलाह पर ध्यान दिया जाता तो शायद 1984 में हुए नरसंहार को टाला जा सकता था।’
वहीं मनमोहन के इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दंगों के लिए राजीव गांधी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ‘राजीव गांधी ने बाद में यह कहकर दंगों का समर्थन किया कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा बयान देकर राजीव गांधी ने एक तरीके से हिंसा का समर्थन किया था।
इस मुद्दे पर एक न्यूज चैनल के लाइव डिबेट शो चर्चा की गई। इस दौरान बीजेपी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने राजीव गांधी के इसी बयान की याद दिलाई तो पैनल में शामिल BRICS के संस्थापक निशांत वर्मा की तीखी नोंकझोंक हुई। इस दौरान उन्होंने राजीव गांधी के बयान पर अपने तर्क दिए। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधामंत्री अटल विहारी वाजपायी और गुजरात के तत्काली मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया।
दरअसल डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन राजीव गांधी के बयान को सिख दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं जो निशांत वर्मा को नागवार गुजरता है। वह कहते हैं ‘राजीव गांधी के14 नवंबर 1984 को दिए गए बयान का दंगों से क्या लेना-देना है। आप बीजेपी के इतने बड़े नेता है आपको शर्म आनी चाहिए अपने इस बयान के लिए। आप देश को गुमराह कर रहे हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि उस बयान की वजह से तीन हजार सिख मारे गए।’
इसके बाद शहनवाज ने निशांत वर्मा से पूछा कि आप बताइए अपने सिख भाई मारे गए क्या आपको दुख हुआ? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हां मुझे बिल्कुल दुख हुआ जिसका दर्द आज तक नहीं पूरा हो रहा है। लेकिन एक बात आपसे भी जाननी है। आपका कहना है कि जो नेता होता है उसने मरवाया। तो क्या आप मानते हैं कि अटल विहारी वाजपायी और नरेद्र मोदी ने 2002 में मुसलमानों को मरवाया। ऐसे में लॉजिक तो एकसमान होना चाहिए न। 2002 में मोदी ने मरवाया। और सिर्फ कह देने से की राजधर्म अपनाओ…पल्ला झाड़ दिया था न अटल जी ने। और अगर वह प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने उस चीफ मिनिस्टर को उठाकर फेंक देना चाहिए था। देखिए डिबेट में आगे क्या हुआ:-