नागरिकता संशोधित कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी बीच ABP न्यूज और  सी-वोटर ने CAA को लेकर एक सर्वे कराया है जिसमें 56 प्रतिशत लोगों ने माना है कि यह  कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। सर्वे 3000 लोगों की बातचीत पर आधारित है।

सर्वे में यह सामने आया है कि  56 प्रतिशत लोग इस कानून को  मुस्लिम विरोधी नहीं मानते हैं। इसके अलावा 32 प्रतिशत लोग इसे मुस्लिम विरोधी मानते हैं। वहीं, इस मुद्दे को लेकर 8 प्रतिशत लोगों ने किसी भी पक्ष में नहीं हैं जबकि 4 प्रतिशत लोगों का कहना है कि यह कानून सबके खिलाफ है।

सर्वे का कहना है कि लोगों को सरकार की मंशा पर कोई शक नहीं है। इस कानून के समर्थन पर  पूछे गए सवाल को लेकर लोगों का कहना है कि 62 प्रतिशत लोग इस कानून का समर्थन करते हैं। वहीं 37 प्रतिशत लोग इस कानून का समर्थन नहीं करते हैं जबकि 1 प्रतिशत लोग इसके प्रति कोई राय नहीं रखते हैं। एबीपी न्यूज के मुताबिक देश भर में करीब 3 हजार लोगों से 17 से 19 दिसंबर के बीच बातचीत की गई है।

(CAA को लेकर देशभर के इन विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन हो रहा है।)

नागरिकता कानून से संविधान का उल्लंघन के सवाल पर सर्वे में 47 लोगों ने पक्ष में और 47 प्रतिशत लोगों ने ही विपक्ष में जवाब दिया है। जबकि 6 प्रतिशत लोगों ने अपनी राय नहीं रखी है। सर्वे में यह भी कहा कि कानून को लेकर कंफ्यूजन का विपक्ष फायदा उठा रहा है।

सर्वे में यह भी कहा गया है कि नागरिकता कानून को लेकर भ्रम फैलाने में विपक्ष का हाथ है। ऐसा 29 प्रतिशत लोग मानते हैं। 20 प्रतिशत लोग इसके लिए मीडिया को दोषी मानते हैं। 37 प्रतिशत लोग मानते हैं कि सरकार भ्रम फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। वहीं 10 प्रतिशत लोगों ने कोई राय नहीं रखी जबकि 1 प्रतिशत लोग मानते हैं कि इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। वहीं 3 प्रतिशत लोग मानते हैं कि भ्रम फैलाने के लिए हर कोई जिम्मेदार है।