वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। पांच राज्यों में हो रहे चुनाव से पहले पेश किए गए केंद्रीय बजट से चुनाव पर क्या असर होगा, इसको लेकर तमाम नेताओं की अलग-अलग राय है, लेकिन एबीपी न्यूज चैनल ने सी-वोटर के साथ मिलकर जनता के बीच कराए गए सर्वे के नतीजे दिखाए। सर्वे के मुताबिक आज के बजट से 45 फीसदी लोगों का मानना है कि इससे भाजपा को फायदा मिलेगा। जबकि 39 फीसदी का कहना है कि फायदा नहीं मिलेगा। 16 फीसदी का कहना है कि पता नहीं है कि फायदा होगा या नहीं होगा।
सर्वे के मुताबिक जब लोगों से पूछा गया कि पीएम मोदी की वर्चुअल रैली से किसानों का गुस्सा कम हुआ कि नहीं तो 46 फीसदी ने कहा कि हां, गुस्सा कम हुआ है, जबकि 42 फीसदी लोगों ने नकारात्मक बात कही है और बोले कि गुस्सा बरकरार है। 12 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं पता है। हालांकि जब चैनल ने विभिन्न दलों के नेताओं से बातचीत करने की कोशिश की तो वहां राजनीति साफ नजर आई। भाजपा नेताओं ने जहां बजट को सराहा, वहीं विपक्ष ने इसे आम लोगों, व्यापारियों, किसानों महिलाओं के लिए निराशाजनक बजट कहा।
दूसरी तरफ ‘चीनी का कटोरा’ कहे जाने वाले लखीमपुर खीरी जिले के गन्ना किसान विधानसभा चुनाव में किसी दल को समर्थन देने को लेकर अजब पसोपेश में हैं। सभी राजनीतिक दलों से निराश किसानों का सवाल है कि वह चुनाव में आखिर किसी को वोट क्यों दें। तराई पट्टी में स्थित लखीमपुर खीरी जिले के गन्ना किसानों के मन में नए कृषि कानून लाये जाने की पीड़ा है।
उनका कहना है कि वे ये कानून लाने वाली भाजपा और अपने पिछले शासनकाल में बकाया गन्ना मूल्य पर देय दो हजार करोड़ रुपए का ब्याज माफ करने वाली सपा दोनों से ही नाराज हैं। अगर वोट देना बहुत जरूरी हुआ तो वह ‘नोटा’ (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प चुनेंगे।
उधर, बजट 2022-23 का स्वागत करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए अभूतपूर्व प्रावधान किए गए हैं। तोमर ने एक बयान में कहा कि इस क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में लगातार वृद्धि की गई है और वित्त मंत्री ने बजट में दूरदृष्टि दिखाई है। तोमर ने कहा, ‘‘बजट में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए अभूतपूर्व प्रावधान किए गए हैं..आने वाले 25 वर्षों में हमारा देश कैसा होगा इसकी एक झलक इस बजट में दिखाई देती है।’’ उन्होंने कहा कि बजट में कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया गया है, तिलहन मिशन, कृषि को प्रौद्योगिकी से जोड़ने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं।
