मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने गुरुवार को जानकारी दी है कि कोरोना वायरस माहमारी के चलते 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग लोग चुनाव के दौरान पोस्टल बैलेट से ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इस संबंध में चुनाव आयोग ने एक प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया था, जिसे सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है। चुनावों के दौरान अब सोशल डिस्टेंसिंग आदि का भी पालन किया जाएगा।

द प्रिंट के साथ बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि ” 22 अक्टूबर, 2019 को चुनाव आयोग की सिफारिश पर 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग मतदाताओं और दिव्यांगों को पोस्टल बैलेट से वोट डालने की सुविधा देने के लिए कानूनी संशोधन किया गया था। ताकि बुजुर्ग और दिव्यांग लोग आराम से अपने घर से ही वोट डाल सकें। अब आयोग ने कोरोना वायरस माहमारी को देखते हुए उम्र के इस दायरे को बढ़ा दिया है। जिसके तहत अब 65 साल से ऊपर के सभी लोग पोस्टल बैलेट से अपना वोट डाल सकेंगे।”

अरोड़ा ने ये भी बताया कि “65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ ही कोरोना पॉजिटिव, होम क्वारंटीन और इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन में रह रहे लोग भी पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाल सकेंगे। इससे मतदान केन्द्रों पर ज्यादा भीड़ भी नहीं लगेगी और संक्रमण का खतरा भी नहीं होगा। जिससे लोगों को भी आसानी रहेगी।”

इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। ऐसे में बिहार चुनाव में 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग पोस्टल बैलेट से वोट डाल सकेंगे। बता दें कि चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव से वोटिंग प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव आयोग ने कहा है कि पोलिंग बूथ पर लोगों की भीड़ को कम करने और वरिष्ठ नागरिकों को घर से ही वोट देने की सुविधा देने के लिए पोस्टल बैलेट का विकल्प दिया गया है। आयोग ने साफ कर दिया है कि किसी को भी पोलिंग स्टेशन जाने से नहीं रोका जाएगा, यदि कोई वरिष्ठ नागरिक पोलिंग स्टेशन पर जाकर ही वोट देना चाहता है तो उन्हें नहीं रोका जाएगा।