राजस्थान के कोटा में मुकुंदरा पहाड़ियों से होकर गुजरने वाली दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 4.89 किलोमीटर लंबी आठ लेन वाली सुरंग के पीछे एक नहीं बल्कि कई सारी कहानियां हैं। ऐसी ही एक कहानी 58 साल के मधुकर की है। उन्होंने जिंदगी भर सुरंग ही बनाई है। वह सुरंग के साथ अपने जुड़ाव को लेकर भावुक हो जाते हैं। मधुकर ने कोरोनाकाल के दौरान साल 2021 में नॉर्थ एंड पर इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। यह रिटायरमेंट से पहले उनका आखिरी काम हो सकता है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कोटा के उम्मेदपुरा और नयागांव गांव के बीच बनी यह सुरंग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की एक अहम कड़ी है। यह भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत एनएचएआई की सबसे खास परियोजनाओं में से एक है। 22 मीटर की चौड़ाई और 11 मीटर की ऊंचाई के साथ यह देश की सबसे चौड़ी सुरंगों में से एक है। उम्मेदपुरा-नयागांव सुरंग को बनाने का काम दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड और एल्टिस-होल्डिंग कॉर्पोरेशन दोनों मिलकर कर रहे हैं। यह करीब 30 महीने का प्रोजेक्ट था, लेकिन खुदाई में बहुत सारी चुनौतियां आ जाने की वजह से इसमें काफी देरी हुई।

आप चट्टान से दुश्मनी करके सुरंग नहीं बना सकते – मधुकर

बिहार के खगड़िया के रहने वाले मधुकर ने कहा, ‘हम चट्टान से दोस्ती करते हैं, आप चट्टान से दुश्मनी करके सुरंग नहीं बना सकते। इस प्रोजेक्ट में हम सबसे मुश्किल फेज में पहुंच चुके हैं, लेकिन हम धीरे-धीरे इसे पार कर लेंगे। हमें बस चट्टान के व्यवहार को समझना है।’ सिक्किम, उत्तराखंड, मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के दुर्गम इलाकों में काम कर चुके मधुकर इसको काफी चुनौती मानते हैं।

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मधुकर ने कहा, ‘पहाड़ी की ऊपरी सतह टेढ़ी-मेढ़ी है। हम एक ऐसे बिंदु पर आ गए हैं जहां सुरंग के टॉप और पहाड़ की सतह के बीच की दूरी सिर्फ 10.62 मीटर है। तकनीकी तौर पर हम इसे ओवरबर्डन कहते हैं। इसलिए, अगर सावधानी से नहीं निपटा गया, तो यह कभी भी ढह सकता है। इसके लिए हम एक पायलट टनलिंग मैथेडलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं।’

जनरल मैनेजर ने क्या बताया?

दिलीप बिल्डकॉन के प्रोजेक्ट हेड और जनरल मैनेजर संजय कुमार ने बताया कि सुरंग का काम लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। कुमार ने बताया, ‘एक्सप्रेसवे के इस 8.3 किलोमीटर लंबे हिस्से में हाईवे, एक ओपन रैंप, एक कवर्ड टनल और एक अंडरग्राउंड टनल का निर्माण शामिल है। अंडरग्राउंड टनल की कुल लंबाई 3.3 किलोमीटर है। उत्तर की ओर 480 मीटर कट एंड कवर टनल है। दक्षिण पोर्टल पर हमने 1,084 मीटर कट एंड कवर टनल बनाई है। कट एंड कवर एक छिपी हुई सुरंग है।’ समृद्धि महामार्ग के अंतिम खंड का काम पूरा