आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में रेलवे भर्ती में हुई अनियमितता की जांच कराने की मांग की। उन्होंने छात्रों पर पुलिस बल प्रयोग की भी निंदा की और कहा कि छात्रों के साथ दुश्मनों की तरह व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को छात्रों की बात सुनना चाहिए। पुलिसिया कार्रवाई और मुकदमों से मामला नहीं सुलझेगा।

वहीं छात्रों के हिंसक प्रदर्शन को लेकर संजय सिंह ने कहा कि रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा जो परीक्षा कराई गई, भर्ती निकालने के बाद परीक्षा काफी विलंब से कराई गई। परीक्षा रिजल्ट में भी गड़बड़ी हुई है। जिसकी वजह से छात्रों में आक्रोश दिखा। संजय सिंह ने कहा कि परीक्षा के बाद एक-एक रोल नंबर कई बार रिपीट होकर रिजल्ट में निकला है। इससे अधिक गड़बड़ी हो नहीं सकती। मंत्री महोदय को इसकी जांच करानी चाहिए

FIR वापस हो: उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। प्रयागराज और पटना में छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ। संजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति से कहा, “छात्रों को घरों में घुसकर मारा गया। इसका दृश्य आप देखेंगे तो आप भी रो देंगे। इस मामले में एक हजार छात्रों पर एफआईआर दर्ज की गई है। उनकी FIR वापस होनी चाहिए।”

बता दें कि पुलिसिया कार्रवाई को लेकर काशी के रहने वाले एक छात्र आशीष सिंह ने आपबीती बताते हुए कहा था, “हम अपने कमरे में पढ़ाई कर रहे थे। तभी जोर-जोर से पुलिसकर्मी दरवाजे को पीटने लगे। हमने दरवाजा खोला तो उन्होंने हम लोगों पर डंडे बरसाए।”

छात्रों का प्रदर्शन: गौरतलब है कि रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) की नौकरियों के लिए ली गई परीक्षा को लेकर छात्रों ने उसकी प्रक्रिया को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान पिछले दिनों कई छात्र संगठनों ने रेल मार्गों को अवरूद्ध कर दिया था। आरोप के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने रेलगाड़ियों को नुकसान पहुंचाया और बिहार के गया में एक सवारी रेलगाड़ी को आग के हवाले कर दिया था।