आम आदमी पार्टी (आप) ने बिजली और पानी पर अपना चुनावी वादा पूरा कर दिया। दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों को बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी पहली मार्च से चार सौ यूनिट हर महीने बिजली की खपत करने वाले परिवारों को आधी कीमत पर बिजली और 20 हजार लीटर हर महीने पानी की खपत करने वालों को मुफ्त पानी मिलेगा। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) शशिकांत शर्मा से मुलाकात कर निजी कंपनियों के सीएजी से जांच के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने बताया कि इससे करीब 36 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। बिजली के दाम कम करने से दिल्ली सरकार के खजाने पर 1427 करोड़ रुपए और पानी मुफ्त करने पर ढाई सौ करोड़ रुपए अगले वित्तीय वर्ष में बोझ पड़ेगा। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की। आप की पिछली 49 दिनों की सरकार ने भी बिजली और पानी का कम उपयोग करने वालों को इसी तरह से राहत दी थी। यह फैसला पहली मार्च से लागू होगा। इसलिए इस वित्तीय वर्ष में बिजली सस्ती देने पर 70 करोड़ रुपए और पानी मुफ्त देने पर 21 करोड़ का रुपए खर्च सरकार पर आएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार इस खर्च को सबसिडी के माध्यम से पूरा करेगी। इसके साथ ही दिल्ली के लोगों को पानी और सीवर पर होने वाले खर्चे से भी सरकार ने राहत दी है। सिसोदिया ने कहा कि एक मार्च से दिल्ली के वे परिवार जो एक महीने में 20 हजार लीटर पानी खर्च करते हैं उन्हें पानी का बिल नहीं भरना होगा। साथ ही उन्हें किसी तरह का सीवर चार्ज भी नहीं देना होगा। सिसोदिया ने बताया कि बिजली के बिलों में कमी से दिल्ली के 90 फीसद परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। उनके मुताबिक, दिल्ली में लगभग 36 लाख छह हजार 728 परिवार ऐसे हैं जो चार सौ यूनिट से कम बिजली खर्च करते हैं।
400 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करने वालों को पूरा बिल देना होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि बिजली वितरण करने वाली निजी कंपनियों की सीएजी से जांच होने तक यह छूट देनी पड़ेगी। उसके बाद बिजली के दाम अपने आप कम हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हर परिवार को 20 हजार लीटर पानी मुफ्त देने से करीब 18 लाख परिवारों को फायदा मिलेगा। इसके लिए बजट में 250 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। इसका लाभ सहकारी आवास समिति में रहने वाले लोगों को भी मिलेगा। सिसोदिया ने कहा कि सरकार कैग द्वारा बिजली डिस्काम कंपनियों का आडिट पूरा होने के बाद सबसिडी योजना की समीक्षा करेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) शशिकांत शर्मा से मुलाकात की और निजी क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति की जानकारी ली।
आप सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में कंपनियों के बही-खातों की जांच के आदेश दिए थे। केजरीवाल ने बिजली वितरण कंपनियों के खातों की कैग जांच पर सरकार के विचारों और आडिट के बाद उसकी बिजली की दरों की समीक्षा की योजना के बारे में शर्मा को बताया।
पिछली बार जब आप की 49 दिनों की सरकार थी तो तीनों बिजली वितरण कंपनियों बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिडेट के खातों के आडिट के आदेश दिए थे। सरकार ने यह चेतावनी भी दी थी कि अगर उन्होंने आडिट में सहयोग नहीं किया तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। पिछले सप्ताह केजरीवाल ने कहा था कि सरकार बिजली दरों में कटौती पर जल्द ही कदम उठाएगी। आप ने चुनाव घोषणापत्र में बिजली दरों में तत्काल 50 फीसद कटौती और मुफ्त पानी देने का वादा किया था।