उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत जनगणना का मुद्दा भी राज्य में काफी हावी है। विपक्षी दलों के साथ ही भाजपा की सहयोगी अपना दल भी जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग कर रही है। एक टीवी कार्यक्रम के दौरान इसी मुद्दे को लेकर जब अपना दल की मुखिया व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से सवाल पूछा गया कि आपके विचार समाजवादी पार्टी से मिलते हैं, कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं है? इसके जवाब में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि ये व्यापक विषय है, इसमें एक दल को दूसरे से जोड़ने की बात कहां से आ रही है यह मुझे समझ में नहीं आ रही है।

आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान एंकर ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से सवाल पूछा कि आपकी जातिगत जनगणना की मांग समाजवादी पार्टी से मेल खाती है, कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं है। इसके जवाब में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह व्यापक राष्ट्रहित का विषय है। कमोबेश विभिन्न धाराओं वाले सभी राजनीतिक वर्ग इसके पक्षधर हैं क्योंकि 1931 के बाद देश में जातिगत जनगणना नहीं हुई है। राजनीति में भारतीय समाज के जातीय स्वरूप को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि हमारे समाज की संरचना का आधार ही जाति व्यवस्था है।      

आगे अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अगर जातिगत जनगणना की बात खुलकर कही जा रही है तो यह देश की जरूरत है। भारतीय जनता पार्टी का एक बड़ा वर्ग भी इसके पक्ष में है। पिछड़ा वर्ग आयोग भी इसके समर्थन में है। इसके पक्ष में माहौल बन रहा है और यह कभी न कभी तो होना ही है।

इसके बाद एंकर ने सवाल पूछते हुए कहा कि ओमप्रकाश राजभर कह रहे हैं कि जातियों को वोट बैंक के तौर पर देखा जा रहा है और ख़ास जातियों को साधने के लिए सिर्फ उसी पर फोकस किया जा रहा है। इसपर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जाति से मुंह नहीं फेरा जा सकता है। हमें देश की जातीय व्यवस्था को समझते हुए विभिन्न जातियों, उपजातियों के प्रमाणिक आंकड़े जुटाने होंगे ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ सटीक तरीके से पहुंचाया जा सके।

बता दें कि अनुप्रिया पटेल कई बार सार्वजनिक मंच से जातिगत जनगणना कराने की मांग कर चुकी हैं। इतना ही नहीं भाजपा की सहयोगी जदयू भी जातिगत जनगणना की मांग उठा चुकी है। देश में पहली बार जातिगत जनगणना 1931 में की गई थी। इसके बाद 2011 में भी यह करवाया गया लेकिन इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। सरकार ने इस रिपोर्ट में कई कमियों को बताते हुए सार्वजनिक करने से मना कर दिया था।