कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह आजकल सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने विवादित बयान दिया था जिसके बाद वह राजनीतिक आलोचकों के निशाने पर आ गए। उन्होंने मुसलमानों से ज्यादा गैर-मुसलमान आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे हैं। इसके साथ दिग्विजय सिंह ने बीजेपी और बजरंग दल पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से पैसा लेने का भी आरोप लगाया था।
उनके इस बयान को लेकर एक टीवी चैनल पर बहस हो रही थी जहां कांग्रेस के नेता प्रमोद कृष्णम और बीजेपी नेता संबित पात्रा की आपसी कहासुनी के बीच एक दिलचस्प वाकया सामने आया। टीवी एंकर ने सवाल कांग्रेस नेता से पूछा कि कांग्रेस पार्टी की स्थिति नाजुक है क्या ऐसे में पार्टी के नेताओं को बयानबाजी से बचना चाहिए। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं आपके बयान से सहमत हूं।
क्या इस माहौल में राजनीतिक पार्टियों को हिंदू-मुसलमान वाले बयान देने चाहिए? देखिए इस मुद्दे पर गरमा-गर्म बहस #हल्ला_बोल @anjanaomkashyap के साथ Live : https://t.co/fOz5QPkk43@sambitswaraj , सतीश प्रकाश (राजनीतिक विश्लेषक) विजय शंकर तिवारी (प्रवक्ता, वीएचपी) pic.twitter.com/vr6EdwmWIB
— आज तक (@aajtak) September 2, 2019
लेकिन पाकिस्तान के डर से सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। कलबुर्गी और दाभोलकर की हत्या किसने की क्या वो लोग बीजेपी और उसके संबंधित दल से नहीं जुड़े थे क्या? इस पर संबित पात्रा ने उन्हें टोकने की कोशिश की और कहा कि यह गलत बयानबाजी है।इस पर कांग्रेस नेता ने कहा संबित जी आप मुझे ज्ञान दे रहे थे तो मैंने आपको सुना।
अब आप मेरे बीच में क्यों बोल रहे हैं। मैं तो ऐसे ही कम बोलता हूं। संबित पात्रा ने फिर बीच में टोकने की कोशिश की तो प्रमोद कृष्णन ने कहा संबित जी मैं गुस्सा नहीं कर रहा हूं, मैं आपसे बहुत स्नेह करता हूं। पांच साल मैं और आप दोनों लड़े और दोनों चुनाव हार गए। इसलिए लड़ाई में कुछ रखा नहीं हैं। इसलिए प्यार से बात करिए।