देश में बढ़ रही महंगाई को लेकर जनता परेशान है। विरोधी पार्टियां भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेर रही हैं। ऐसे में जब इस मुद्दे को लेकर एक डिबेट हुई तो बीजेपी के प्रवक्ता बेसिरपैर की बात करने लगे।
दरअसल अखिलेश के जिन्ना पर दिए बयान पर विरोधी पार्टियां ये सवाल उठा रही हैं कि आखिर जिन्ना की तुलना सरदार पटेल और महात्मा गांधी से कैसे कर दी गई? इसी मुद्दे को लेकर न्यूज चैनल ‘आज तक’ के शो ‘हल्ला बोल’ में डिबेट हुई, जिसमें जब एंकर अंजना ओम कश्यप ने सवाल पूछे तो पार्टियों के प्रवक्ताओं के बीच गरमा-गरमी हो गई।
दरअसल AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान और बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया के बीच जोरदार बहस चल रही थी, जिसमें अखिलेश यादव द्वारा जिन्ना का नाम लिए जाने का मुद्दा छाया हुआ था, इस पर वारिस पठान ने कहा कि आप इधर उधर की बात ना करो और ये बताओ कि कारवां कहां लुटा? ये बताओ कि जिन्ना कहां से आया? पेट्रोल-डीजल के बढ़ रहे दाम पर आप क्या कर रहे हैं? आप तो केवल देश का माइंड भटका रहे हैं।
इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि भारत का काफिला लूटने की कोशिश रजाकारों ने की। लेकिन सरदार पटेल ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने रजाकारों से नाक रगड़वा दी और दिखाया कि भारत की ताकत क्या है। यही काम पीएम मोदी कर रहे हैं। किसी की इतनी हैसियत नहीं कि वो हमारा काफिला लूट सके।
इस बीच शो की एंकर अंजना ओम कश्यप ने बीजेपी प्रवक्ता से सवाल पूछते हुए कहा कि अगर पेट्रोल डीजल की बात करेंगे तो क्या आप इसे जिन्ना से जोड़ देंगे क्या? दिये का तेल फड़फड़ा रहा है, महंगाई बढ़ रही है, सवाल इस पर है।
इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल डीजल की कीमत राजस्थान के एक जिले में है। जब 19 लाख करोड़ का डायरेक्ट बेनीफिट देश के गरीबों के खातों में दिया जा रहा है, तो ये पैसा कहां से आता है? इसको गलत नहीं कह सकते।
बता दें कि यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सरदार पटेल, महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर जो बयान दिया है, उस पर विवाद बढ़ता जा रहा है। विरोधी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर अखिलेश को घेर रही हैं। दरअसल अखिलेश यादव ने यूपी के हरदोई में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़े और बैरिस्टर बनकर आए, उन्होंने आजादी दिलाई और संघर्ष करने से कभी पीछे नहीं हटे।
डिबेट में इस मामले में सपा प्रवक्ता सुनील सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि जिन्ना ना ही इस देश के नायक हैं और ना ही समाजवादी पार्टी के नायक हैं। उनकी स्वीकारिता इस देश में नहीं है। अखिलेश बंटवारे के पहले की बात कर रहे थे, इसलिए उनके मुंह से ये शब्द निकल गया। अखिलेश यादव का कहना तो केवल ये था कि जहां से बापू, नेहरू और सरदार पटेल पढ़कर आए, वहीं से जिन्ना भी पढ़कर आए और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। अखिलेश ने कई और मुद्दों पर भी बात की थी, लेकिन बीजेपी को हिंदू मुसलमान का ये मुद्दा चाहिए था।
इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि आपको तो इतना कहने की जरूरत ही नहीं थी, आप तो बस इतना कह देते कि लड़के हैं, लड़कों से गलती हो जाती है। उन्होंने कहा कि ये सब मुस्लिम वोट के लिए किया गया। लेकिन यूपी की जनता जिन्ना का जिन्न बोतल में बंद करके अरब सागर में फेंक देगी और सपा को करारा जवाब देगी।
इस पर कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा कि आजादी से पहले सबसे बड़े जिन्नावादी तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। इस पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि क्या आप केवल मुस्लिमों की राजनीति करेंगे? कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि वो एक मुस्लिम पार्टी हैं।
इस मुद्दे पर AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि जिन्ना ने देश का बेड़ा गर्क किया है। हम तो जिन्ना की 2 नेशन थ्यूरी को ठुकरा दिए, इसलिए हिंदुस्तान में रह रहे हैं। भाजपा और समाजवादी पार्टी के पास मुद्दे बचे नहीं हैं, इसलिए वह पाकिस्तान और जिन्ना को बीच में ला रहे हैं।