केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर लगातार विपक्ष हमले कर रहा है। बीते दिनों खबर आई कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) तिमाही में जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth Rate) रेट गिरकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है। इस मुद्दे पर आज तक (Aaj Tak Live Debate) चैनल के शो दंगल (Dangal) पर एक डिबेट की गई। जिसमें सीपीआई नेता अतुल अंजान (CPI Atul Anjan) ने बीजेपी प्रवक्ता बेजयंत जय पांडा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने का मोदी का मतलब मंदी और मंदी का मतलब जैसी स्थिति बीजेपी सरकार ने पैदा कर दी है।

अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र पर तंज:
दरअसल, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा शुक्रवार को जारी किए जीडीपी के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर GDP 35.99 लाख करोड़ रही जो कि पिछले साल इसी दौरान 34.43 लाख करोड़ रुपए थी। दूसरी तिमाही में यह आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही। इसको लेकर और बेरोजगारी, शिक्षा जैसे मुद्दों पर सीपीआई नेता ने बीजेपी प्रवक्ता पर निशाना साधते हुए कहा, “बड़ी बड़ी बातों के चक्कर में छोटी भी गई और पतलून की चाहत में लंगोटी भी गई।” इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र पर भी तंज कसा।

सीपीआई नेता @atul_anjaan ने केंद्र पर कसा तंज़, बोले ‘बड़ी बड़ी बातों के चक्कर में छोटी भी गयी और पतलून की चाहत में लंगोटी भी गयी’ .. @sardanarohit#Dangal लाइव: https://t.co/fOz5QPkk43 pic.twitter.com/AkBzRtKFug



क्या हुआ डिबेट में:
दरअसल, जैसे ही ‘दंगल’ शो के एंकर रोहित सरदाना (Rohit Sardana) घटती नौकरियों के मुद्दे पर सवाल पूछा तो बीजेपी प्रवक्ता पांडा ने कहा कि नौकरियों का संकट हमारे लिए एक बड़ा चैलेंज हैं। लेकिन जब दो दशक पहले चीन डबल डिजीट ग्रोथ रेट रख अपनी मिडिल इनकम स्टेटस को बढ़ा रहा था तब हम इस मौके से चूक गए। इस पर अतुल अंजान ने कहा कि आपके पास (मोदी सरकार) डबल डिजिट इकॉनमी करने का पूरा समय था लेकिन आप नहीं कर पाए। इसके चलते हजारों नौजवान बेरोजगार घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज मोदी का मतलब मंदी और मंदी का मतलब मोदी हो गया है और आप (बीजेपी) कह रहें कुछ नहीं हुआ।

नौकरियों को लेकर कही ये बात: अतुल अंजान ने कहा कि बीजेपी प्रवक्ता कह रहे हैं कि फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट बढ़ गया है तो फिर कारखाने क्यों नहीं खुल रहे है, नौकरियों की छटनी क्यों हो रही है, कंपनियों में तालाबंदी क्यों हो रही है, नए रोजगार के अवसर क्यों नहीं है। अंजान ने आरोप लगाया कि किसान आत्महत्याकर रहे हैं, मिनिमम स्पोर्ट प्राइज भी नहीं मिल रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।