Aaj ka Mausam kaisa rahega: उत्तर भारत में आज भी ठंड का कहर जारी है। एक तरफ पहाड़ी इलाकों में जहां बर्फबारी हुई तो वहीं दूसरी तरफ मैदानी इलाके में कोहरे ने लोगों की समस्याएं बढ़ाई हुई हैं। दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में घना कोहरा छाया हुआ है। IMD द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश की राजधानी नई दिल्ली के कई इलाकों में सुबह साढ़े पांच बजे आज भी घना कोहरा छाया हुआ था। इसके अलावा हरियाणा, राजस्थान, पूर्वी यूपी, बिहार, झारखंड और ओडिशा के कई इलाकों में भी लोगों को कोहरे का प्रकोप झेलना पड़ा।
उत्तर रेलवे ने बताया कि कोहरे की वजह से 23 ट्रेन देरी से चल रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, पालम में सुबह नौ बजे विजिबिलिटी जीरो दर्ज की गई और हवाई अड्डे के रनवे पर दृश्यता 300 से 500 मीटर के बीच थी। विभाग ने बताया कि न्यूनतम तापमान मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री सेल्सियस कम रहा।
शीतलहर की वजह साइबेरियाई हवा
उत्तर भारत में चल रही शीत लहर की साइबेरिया से आने वाली ठंडी और शुष्क हवा का नतीजा है। मोहाली के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइआइएसईआर, मोहाली) के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। यूरेशिया के उत्तरी-पूर्वी हिस्से में जमा होने वाली ठंडी और शुष्क हवा के भंडारण को ‘साइबेरियन हाई’ कहा जाता है, जिसका नतीजा है शीतलहर की स्थिति। ‘साइबेरियन हाई’ की स्थिति नवंबर से फरवरी के बीच देखी जाती है। यह अध्ययन ‘वेदर एंड क्लाइमेट एक्सट्रीम्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन के मुताबिक, ‘साइबेरियन हाई’ का असर उच्च-अक्षांशीय मौसम कारकों से और तेज हुआ, जिसे ‘वायुमंडलीय अवरुद्ध’ के रूप में जाना जाता है। इस कारण तीखी ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिस कारण उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड है और शीतलहर है। आइआइएसईआर मोहाली से केएस अथिरा और ब्राजील के नेशनल इंस्टीट्यूट फार स्पेस रिसर्च के वी ब्रह्मानंद राव भी अध्ययन में शामिल थे। अध्ययन में यह भी पाया गया कि इस साल ‘वायुमंडलीय अवरुद्ध’ (एटमास्फियरिक ब्लाकिंग) के कारण दिसंबर और जनवरी में सर्द हवाओं की तीव्रता और बढ़ गई।