दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग कस्बे में शनिवार (16 जून) को पुलिस और स्थानीय नागरिकों के बीच जमकर भिड़ंत हुई। इस संघर्ष में 20 साल के एक लड़के की मौत हो गई। ये झड़प ईद की नमाज अदा करने के ठीक बाद हुई। अनंतनाग के जंगलात मंडी इलाके में हुई इस भिड़ंत में करीब 10 लोगों के घायल होने की सूचना है। इसी भिड़ंत में लगी चोटों के कारण बराकपोरा के शिराज़ अहमद की बाद में मौत हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और पैलेट गन का इस्तेमाल किया था। पुलिस का कहना था कि अहमद की मौत हैंड ग्रेनेड धमाके से हुई है। पुलिस के प्रवक्ता ने मीडिया को दिए अपने आधिकारिक बयान में कहा,”प्राथामिक जांच में ये पता चला है कि एक हैंड ग्रेनेड फटा था। जिसकी वजह से बरकपोरा के शिराज अहमद की मौत हुई है। छर्रों के कारण उसे चोटें आईं और उसका दायां हाथ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। अधिक जानकारियां अभी जुटाई जा रही हैं। पवित्र रमजान के अंतिम दिन यानी ईद के मौके पर राज्य में अन्य जगहों पर भी हिंसा की घटनाएं हुईं हैं। एएनआई के अनुसार, शोपियां में आतंकियों ने दो नागरिकों को निशाना बनाकर फायरिंग की। घायल अवस्‍था में दोनों को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

वहीं एलओसी से सटे राजौरी जिले में पेट्रोलिंग के दौरान पाकिस्तानी सिपाहियों की फायरिंग में सेना का 21 साल का जवान शहीद हो गया। वहीं श्रीनगर के बाहर इलाके लसजन में आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया। इस हमले में सीआरपीएफ का जवान जख्मी हो गया। घायल जवान का नाम दिनेश पासवान है। वह सीआरपीएफ की 29वीं बटालियन का कांस्टेबल है। उसे पेट के निचले हिस्से में गोलियां लगी हैं। एक अधिकारी ने बताया कि उसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने बताया कि अनंतनाग से करीब 40 किमी दूर पुलवामा में शनिवार को भीड़ ने उग्र प्रदर्शन किया था। ये लोग सेना की कथित फायरिंग में एक नवयुवक की मौत के विरोध में जमा हुए थे। ये रमजान के वक्त लागू किए गए सीज़फायर के बाद सेना की फायरिंग में किसी सिविलियन की मौत का पहला मामला था।

शनिवार को शोपियां के इलाकों में भी पथराव की घटनाएं हुईं थीं। जबकि श्रीनगर के ईदगाह के इलाके के आसपास भी झड़प हुई। जहां श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ ईद की नमाज अदा करने के लिए जमा हुई थी। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच उत्तरी कश्मीर के सोपोर और कुपवाड़ा में भी झड़प हुई थी। पिछले हफ्ते से, जम्मू और कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी और सेना के जवान औरंगजेब की निर्मम हत्या से तनाव फैला हुआ था। इन घटनाओं ने रमजान के महीने में सरकार के द्वारा किए गए संघर्ष विराम पर सवाल खड़े कर दिए थे। इस संघर्ष विराम का खात्मा रविवार को होना संभव है।