प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मध्‍य प्रदेश के शख्‍स का जिक्र किया था। भोजपुरा गांव के 71 वर्षीय राजमिस्‍त्री दिलीप सिंह मालवीय के बारे में पीएम मोदी ने कहा था कि वह गांववासियों के लिए निशुल्‍क टॉयलेट बना रहे हैं। लेकिन रेडियो पर प्रधानमंत्री की ओर से की गई इस घोषणा ने मालवीय को पशोपेश में डाल दिया है। बात दरअसल यह है कि उन्‍होंने ऐसा कभी नहीं कहा कि वह टॉयलेट बनाने के बदले पैसे नहीं लेंगे। अलबत्‍ता, वह लोगों से पैसे बाद में लेने की बात जरूर कहते हैं।

आठ बच्‍चों के पिता मालवीय ने कई गांववालों से यह वादा किया कि वह टॉयलेट बना देते हैं और पैसा बाद में ले लेंगे। आपको बता दें कि शौचालय बनाने के लिए सरकार की ओर से मदद के तौर पर 12,000 रुपए की राशि दी जाती है। स्‍वच्‍छ भारत अभियान के तहत यह राशि पाने के लिए शौचालय के साथ खींची गई एक तस्‍वीर जिला पंचायत को भेजनी पड़ती है। प्रूफ जमा करने के बाद उन लोगों के पास सहायता राशि पहुंचती है। मालवीय ने इसी कारण से पैसा बाद में लेने का वादा गांववालों से किया। हालांकि, देश के प्रधानमंत्री के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर वह खुश जरूर हैं। उन्‍होंने पीएम मोदी के बारे में कहा, ‘वो देश के राजा हैं, मुझे बहुत अच्‍छा लग रहा है।’

‘इंडियन एक्‍सप्रेस’ से बात करते हुए मालवीय ने अपनी स्थिति स्‍पष्‍ट करते हुए कहा, ‘मैंने पैसा लेने से कभी इनकार नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि जब आपको सहायता राशि मिल जाए, तब पैसा दे देना। मेरा भी परिवार है। मेरी फसल भी बर्बाद हो गई है। कुछ लोगों ने मुझे पैसा दे दिया है और कुछ देंगे।’

मालवीय अब तक पांच बेटी और एक बेटे की शादी कर चुके हैं। अब वह पत्‍नी और दो बेटियों के साथ गांव में रहते हैं। उनके घर में न तो पंखा है, न टीवी। वैसे अगर उनके पास टीवी होता भी तो उनके लिए उसका कोई मतलब नहीं था, क्‍योंकि गांव में बिजली नहीं आती है। मालवीय के भोजपुरा गांव में 53 शौचालय हैं, इनमें 27 उन्‍होंने बनाए हैं। भोजपुरा उन चारों गांवों में एक हे, जो कि मोहनपुर लेंड़ी ग्राम पंचायत में आते हैं। इन चारों गांवों में कुल 253 शौचालय पिछले कुछ महीनों में बनाए जा चुके हैं।

Read Also:

MANN KI BAAT में बोले मोदी-विकलांग को कहें दिव्‍यांग, गरीबों के लिए हो स्टार्टअप इंडिया

”मन की बात” में नाम लेने भर से बढ़ गया नूरजहां का हौंसला

मन की बात: पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत’ के लिए मांगे देशवासियों से सुझाव