निर्भय कुमार पांडेय
दिल्ली में काम करने वाले लोग बड़ी संख्या में एनसीआर में रहते हैं और काम करने के लिए वे हर दिन दिल्ली जाते हैं। काफी लोग ऐसे भी हैं जो एनसीआर के विभिन्न शहरों में काम करते हैं और दिल्ली में रहते हैं।
लगातार कई दिनों से सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर स्थित यूपी गेट पर आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है। इस कारण लोगों ने वैकल्पिक मार्गों का इस्तोमल करना शुरू कर दिया था। पर गुरुवार सुबह कालिंदी कुंज, बदरपुर बॉर्डर, दिल्ली लिंक रोड, आया नगर, बवाना, मुंडका और नजफगढ़ इलाकों में पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई। इस वजह से इन इलाकों में जाम की स्थिति पैदा हो गई। लोगों को जाम में फंसने को मजबूर होना पड़ा। इस कारण वे समय पर दफ्तर भी नहीं पहुंच पाए।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश से किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि बदरपुर, कालिंदी कुंज और आया नगर बॉर्डर पर पुलिस ने एहतियातन अन्य दिनों की तुलना में अधिक संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए थे।
हालांकि, कुछ अंतराल पर लोगों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही थी, लेकिन चौकसी बढ़ाए जाने की वजह से कामकाजी लोगों को खासी दिक्कतों का समाना करना पड़ा। नोएडा से कालिंदी कुंज होते हुए ओखला फेस दो स्थित कारखाना जाने वाले महेंद्र कुमार ने बताया कि अन्य दिनों में आधा घंटा में दफ्तर पहुंच जाते हैं, लेकिन गुरुवार को करीब एक घंटे वह जाम में फंसे रहे।
‘एक घंटे से जाम में फंसे’
नाला रोड फरीदाबाद से कालिंदी कुंज पहुंचे मनोहर गुप्ता ने बताया कि बदरपुर बॉर्डर पर कुछ दिनों से चौकसी बढ़ा दी गई है। इस कारण नाला रोड होते हुए नोएडा जाने के लिए कालिंदी कुंज आए हैं। पर करीब एक घंटे से जाम में फंसे हैं। मनोहर ने बताया कि केवल कालिंदी कुंज के चौराहे पर बीते आधे घंटे अधिक से फंसे हुए हैं।
हालांकि, दिल्ली से नोएड आने के लिए मार्ग खुला हुआ था, लेकिन फरीदाबाद से आने वाले मार्ग पर चौकसी बढ़ा दी गई थी। इसी प्रकार बदरपुर बॉर्डर पर जाम में फंसे लोग सरिता विहार और ओखला स्थित कारखानों में काम करने के लिए देरी से पहुंचे थे। राज कुमार ने बताया कि फरीदाबाद पल्ला में रहते हैं। वह बीते तीन-चार दिनों से जाम में फंस रहे हैं।
मेट्रो में अधिक किराया लगता है। इस कारण वह मोटरसाइकिल से दफ्तर आते हंै। पर यदि यही हाल रहा तो वह जब तक आंदोलन समाप्त नहीं हो जाता और आवाजाही सूचारू नहीं हो जाती। वह मेट्रो से ही आना जाना करेंगे।