अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से दुखी होकर भारत की इकलौती वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज ने केरल स्पोर्ट्स काउंसिल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। अंजू ने 2003 में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल जीत कर इतिहास रचा था। अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए अंजू ने कहा कि वे आरोपों और गलतफहमियों के बीच इस पद पर बनी नहीं रह सकती। अंजू के अलावा काउंसिल के 13 अन्य सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया है। आइए आपको बताते हैं, कि इस विवाद की शुरुआत कैसे हई और मामले में कब, क्या हुआ।
अंजू बॉबी जॉर्ज ने गुरुवार, 9 जून 2016 को केरल के खेलमंत्री ईपी नारायण पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अंजू पर ‘करप्शन’ का आरोप लगाकर बेइज्जत किया है। अंजूू का कहना था नई सरकार बनने के बाद वे 7 जूून को खेलमंत्री से मिलने गई। अंजू के अनुसार, मंत्री ने उनसे कहा, ”आप सब को पिछले मंत्री ने सेलेक्ट किया था, तो आप सभी दूसरी पार्टी के सदस्य हैं। आप जो भी ट्रांसफर और नियुक्तियां कर रहे हैं, वे गैरकानूनी हैं।”
अंजू के अनुसार मंत्री ने बेंगलुरु से तिरुवनंतपुरम तक के फ्लाइट के टिकट पर भी आपत्ति जताई। अंजू के मुताबिक उन्हें ऐसा करने की इजाजत पिछली सरकार ने दी थी। अंजू ने आरोप लगाया था कि मंत्री ने उनसे कहा कि यह सब भ्रष्टाचार है और नियमों के खिलाफ है।
जयराजन ने आरोपों का खंडन किया और कहा, ”मैंने कहा था कि इलेक्शन के वक्त किए गए फैसलों की समीक्षा की जानी है। काउंसिल ने उनके लिए हवाई उड़ान की इजाजत दी थी। मैंने उन्हें बताया कि काउंसिल उनका नाम बदनाम कर देगी। मुझे नहीं पता कि दो दिन बाद उन्होंने मुझपर ऐसे आरोप क्यों लगाए हैं।” मामले में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपने मंत्री का समर्थन किया था।
बढ़ते विवाद से परेशान होकर अंजू ने बुधवार को केरल स्पोर्ट्स काउंसिल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे पर केरल के खेलमंंत्री जयराजन ने कहा कि उन्होंने कभी भी अंजू से इस्तीफा देने को नहीं कहा था। जयराजन ने कहा कि मीडिया में कथित भ्रष्टाचार की खबरों से परेशान होकर उन्होंने इस्तीफा दिया होगा।
जयराजन ने कहा कि अंजू ने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वह भ्रष्टाचार के खुलासों पर आलोचना नहीं झेल पा रही थीं। हम यहां सत्ता में भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने के लिए भेजे गए हैं।