भारत में साल 2019 में हर दिन बलात्कार के 87 मामले दर्ज हुए और सालभर में महिलाओं के खिलाफ 4,05,861 अपराध के मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताजा डेटा के अनुसार ये आंकड़े 2018 से सात फीसदी अधिक हैं। ‘भारत में अपराध 2019’ रिपोर्ट में बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध एक साल में सात फीसदी की दर से बढ़े हैं। पिछले साल प्रति एक लाख महिला की आबादी पर अपराध की दर 62.4 फीसदी रही जो 2018 में 58.8 फीसदी थी। डेटा के मुताबिक 2018 में महिला के खिलाफ 3,78,236 मामले दर्ज किए गए थे।

साल 2018 में 33,356 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे, जो 2017 के 32,559 मामले से अधिक हैं। एनसीआरबी के 2019 के डेटा के अनुसार इनमें आईपीसी की धारा के तहत जो मामले दर्ज किए गए उनमें अधिकाश (30.9 फीसदी) पीड़िता के पति या रिश्तेदारों से जुड़े थे। इसके अलावा महिलाओं पर 21.8 फीसदी हमले उनकी इज्जत पर हमला करने के इरादे से किए गए। 17.9 फीसदी मामले अपहरण और अन्य थे।

एनसीआरबी के आंकड़ों में ना सिर्फ महिलाओं के खिलाफ बल्कि बच्चों से जुड़े अपराध में भी बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 की तुलना में बच्चों के खिलाफ अपराध में 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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2019 में बच्चों के खिलाफ कुल 1.48 लाख अपराध के मामले दर्ज किए गए, इनमें 46.6 फीसदी अपहरण से जुड़े थे जबकि 35.3 फीसदी मामले यौन अपराध से जुड़े थे। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम रहे एनसीआरबी देशभर में अपराध से जुड़े डेटा और उसके विश्लेषण का काम करता है। इसने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और 53 महानगरों के आंकड़ों के जुटाने के बाद तीन खंडों में रिपोर्ट तैयार की है।

हालांकि गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नए डेटा में पश्चिम बंगाल के आंकड़ों के शामिल नहीं किया गया है। इसलिए इसके लिए 2018 के डेटा का इस्तेमाल कर औसत आंकड़े लिए गए। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का धन्यवाद किया जिन्होंने कोरोनो वायरस प्रकोप के दौरान डेटा एकत्र करने के लिए मेहनत की।