75th Samvidhan Diwas: संविधान दिवस के मौके पर संविधान सदन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के आरक्षण का कानून महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत है।
26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि 1949 में इसी दिन भारत की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था। संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। भारत के संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने के मौके पर “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” अभियान चलाया जा रहा है।
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को नई दिल्ली में पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई थी।
संविधान दिवस पर संविधान सदन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित तमाम कई बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर ट्वीट कर देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि महिला आरक्षण संबंधी कानून ने हमारे लोकतंत्र में महिला सशक्तीकरण के नए युग की शुरुआत की है। राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर एक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। राष्ट्रपति ने संस्कृत और मैथिली में संविधान के संस्करण का भी अनावरण किया।
राष्ट्रपति ने की केंद्र की तारीफ
राष्ट्रपति केंद्र सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार ने समाज के सभी वर्गों, खासकर कमजोर वर्गों को अवसर दिए हैं, गरीबों को पक्के मकान मिल रहे हैं, बिजली की सुविधा दी जा रही है और देश में बड़े पैमाने पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद सदस्यों से संविधान सभा द्वारा निर्धारित रचनात्मक और गरिमापूर्ण बहस की परंपरा का पालन करने का आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन में सांसदों को “लोकतंत्र का संरक्षक” बताया और आपातकाल के दौर को याद किया। उन्होंने कहा कि 25 जून हमें आपातकाल की याद दिलाता है, वह सबसे काला दौर था जब नागरिकों के मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था।
डॉ. अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार हुआ था संविधान
हमारा संविधान डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किया गया था और यह भारत के सभी लोगों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता सुनिश्चित करता है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर को संविधान का चीफ आर्किटेक्ट कहा जाता है। 2015 में केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया। इससे पहले, इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।
संविधान दिवस से पहले केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि वह जेलों में बंद कैदियों को रिहा करेगी। इस खबर में पढ़िए कि किन कैदियों को इसका फायदा मिलेगा।