बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट ऐंड आंत्रप्रेन्योरशिप के सेक्रेटरी केपी कृष्णन और डीपीआईआईटी के सचिव रमेश अभिषेक को नोटिस जारी करके 15 अक्टूबर 2019 को उसके समक्ष उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा है। कोर्ट ने यह नोटिस 63 मून्स टेक्नॉलजी लिमिटेड की ओर से जून 2019 में दाखिल किए गए केस के मामले में जारी किया है। कंपनी ने चिदंबरम और बाकी दो लोगों से 10 हजार करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है।

बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से यह आदेश 24 जुलाई को जारी हुआ है। 63 मून्स टेक्नॉलजी ने अभिषेक, कृष्णन और चिदंबरम पर दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए 10 हजार करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। कंपनी ने यह भी मांग की है कि कोर्ट इन तीनों को निर्देश दे कि वे अपनी संपत्तियों का खुलासा करें। साथ ही खुलासा किए गए प्रॉपर्टी को किसी दूसरे को ट्रांसफर करने, बेचने, अधिकार देने आदि पर अस्थाई रोक लगाई जाए।

द इंडियन एक्सप्रेस की ओर से जानकारी मांगने पर कृष्णन ने कहा कि वह फिलहाल इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें कोर्ट से कोई आदेश हासिल नहीं हुआ है। चिदंबरम ने भी यही कहा कि उन्हें फिलहाल कोर्ट की ओर से कुछ नहीं मिला है। वहीं, अभिषेक ने कॉल्स और मेसेजों का कोई जवाब नहीं दिया।

अपनी याचिका में 63 मून्स टेक्नॉलजी ने आरोप लगाया है कि पूर्व वित्त मंत्री ने इन दो शीर्ष नौकरशाहों के साथ मिलकर FTIL ग्रुप (अब 63 मून्स टेक्नॉलजी) को बर्बाद कर दिया। इसकी वजह से शेयरहोल्डरों को 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह भी आरोप लगाया गया है कि कंपनी को लगातार दुर्भावनापूर्ण तरीके से निशाना बनाया गया। बता दें कि कंपनी ने चिदंबरम और बाकी दो अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई में भी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है।