बारिश से उत्तर से लेकर पूर्वी भारत सराबोर है। लोग बेहाल हैं। दिल्ली में शुक्रवार को सुबह से लेकर दोपहर तक बारिश होती रही, वहीं कोलकाता जलमग्न हो गया। जबकि उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण दर्जनों सड़कमार्ग भूस्खलन होने से बंद हो गए। टिहरी के पास एक सड़क धंस जाने से चारधाम की यात्रा इस बरसात के सीजन में चौथी बार बाधित हुई। राजस्थान में कई जगहों पर व्यापक बारिश हुई। बारिश के कारण हुए हादसों में चार लोगों की मौत हो गई। तीन लोग घायल हो गए।
दिल्ली में शुक्रवार की सुबह भारी बारिश होने से कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। इससे रोजमर्रा के काम पर निकलने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई। रिमझिम बारिश का सिलसिला दोपहर बाद तक चलता रहा। कई जगह पानी जमा होने से सड़कों पर जाम भी लगा।
कोलकाता में रात भर हुई बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गए और इस दौरान छह महीने का एक बच्चा बारिश के पानी में बह गया और उसकी मौत हो गई। बच्चा अपने परिवार के साथ फुटपाथ पर सो रहा था।
गुरुवार से हो रही भारी बारिश से शहर के बड़े हिस्से में जलभराव, और सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मध्य कोलकाता में फुटपाथ पर अपने माता-पिता के साथ सो रहा बच्चा बारिश के पानी में बह गया और बिधान सरनी और तारक प्रमाणिक रोड क्रॉसिंग पर बेहोश मिला।
उन्होंने कहा, ‘कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।’ अधिकारी के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि बच्चे के माता-पिता पास की मुक्तराम बाबू स्ट्रीट पर फुटपाथ पर ही जिंदगी गुजारते हैं। उन्होंने कहा, ‘घटना तड़के तीन बजे के आसपास की है जब परिवार सो रहा था। बारिश के पानी के तेज बहाव में बच्चा बह गया और आज सुबह हमारे अफसरों को मिला। अभी तक किसी तरह की साजिश की कोई आशंका नहीं लगती।’
बेहाला, जादवपुर, बेलगाचिया, रजरहाट, अलीपुर बॉडीगॉर्ड लाइन्स, रासबिहारी अवेन्यू, ठनठनिया, गोल्फ ग्रीन, दमदम, तिलिजला, सीआर अवेन्यू और कॉलेज स्ट्रीट बारिश से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले इलाकों में शामिल हैं। मध्य कोलकाता के निचले इलाके एमहर्स्ट स्ट्रीट में बारिश रुकने के बाद भी कई घंटे तक पानी भरा रहा।
कोलकाता नगर निगम के सदस्य तारक सिंह ने कहा कि शहर के कई हिस्सों में 73 पंपिंग स्टेशनों पर 340 पंपों की मदद से बारिश के पानी को बाहर निकाला जा रहा है। सड़कों पर जलभराव के चलते यातायात की रफ्तार धीमी हो गई जिससे दफ्तर जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बहुत से स्कूलों ने शुक्रवार को छुट्टी की घोषणा कर दी। जो स्कूल खुले, वहां बहुत कम उपस्थिति रही। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि सियालदाह और हावड़ा स्टेशनों पर लोकल ट्रेनें देरी से चलीं वहीं पटरियों पर पानी भरने की वजह से कुछ ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। उन्होंने कहा कि बारिश रुकने और पानी कम होने के बाद ही ट्रेन सेवाएं सामान्य हुईं।
उधर, देहरादून से हमारे संवाददाता के मुताबिक गौरीकुंड से केदारनाथ का पैदल रास्ता कई जगहों से पहाड़ से मलबा आने के कारण बंद हो गया है। इससे आज केदारनाथ की पैदल यात्रा फिर से बंद करनी पड़ी। सोनप्रयाग मोटरमार्ग का पुल 16 दिन बाद भी ठीक नहीं हो पाया है। जिससे सोनप्रयाग से आगे केदारनाथ जाने के लिए मोटरमार्ग पूरी तरह बंद है। यही हाल बद्रीनाथ धाम का है। ऋषिकेश से टिहरी होते हुए उत्तरकाशी जाने वाला रास्ता बंद होने से गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा भी पूरी तरह से बंद हो गई है। देवप्रयाग से श्रीनगर, जोशीमठ, गोविंद घाट, पांडुकेश्वर जाने वाला रास्ता पहाड़ से सड़क पर मलबा आने के कारण बंद हो गया है।
शुक्रवार को उत्तराखंड के देहरादून, मंसूरी, हरिद्वार, रूडकी, उधमसिंह नगर, हल्द्वानी, रामनगर, खटीमा समेत कई मैदानी क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। जिस कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। वहीं उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों चमोली, जोशीमठ, गोपेश्वर, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी, श्रीनगर, पौडी, पिथौरागढ़, अल्मोडा, चंपावत, नैनीताल और मंसूरी में भारी बारिश हुई जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पहाड़ों में लोगों को अगले दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना को देखते हुए अलर्ट किया गया है।
वहीं हरिद्वार के गंगा तट पर स्थित गांव वालों को गंगा तटों से दूर सुरक्षित स्थानों पर भेजने के बंदोबस्त जिला प्रशासन ने किए हैं। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक आनंद शर्मा ने कहा कि अभी दो दिनों तक पहाड़ों में भारी बारिश की संभावना है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को दैवी आपदा का सामना करने के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए है। वहीं प्रशासन ने भारी बारिश के कारण स्कूल-कालेजों को दो दिन के लिए बंद करने का निर्देश दिया है। राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां स्थगित कर दी गई है ताकि आपदा के समय जरूरत पडने पर इनकी ड्यूटी आपदा क्षेत्रों में लगाई जा सके। बोर्डर रोड संगठन पहाड़ी रास्तों को खोलने में जुटा है।
राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है। शेखावटी संभाग में कल से हो रही बारिश के कारण छोटे-छोटे तालाबों (चक डेम) में पानी भराव क्षमता से ऊपर बह रहा है। सीकर से 15 किलोमीटर दूर गोतर-ताकेलन में एक बाइक सवार के पानी में बह जाने से मौत हो गई।
एक अधिकारी ने बताया कि 35 साल के केसरी उर्फ बीरबल का शव बाइक के साथ तालाब के पास मिला है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है। जिले में सुबह से हो रही बारिश से आम जनजीवन और यातायात प्रभावित हुआ है।
(एजंसी)