Ayodhya 6 December 1992 Babri Masjid Demolition: हिंदू और मुस्लिम धार्मिक नेता बाबरी विध्वंस की बरसी को अधिक तवज्जो नहीं देने की बात कर रहे हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने आयोध्या विवाद पर अपना फैसला दे दिया है। पुलिस इस मौके पर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। अधिकारी ने बताया कि नौ नवंबर को अयोध्या प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर जिस तरह की सुरक्षा व्यवस्था की गई थी उसी तरह की तैयारी अयोध्या में की गई है।

6 दिसंबर के मायने: उल्लेखनीय है कि विवादित स्थल पर मौजूद ढांचे ढहाने की बरसी पर दक्षिणपंथी हिंदू संगठन जश्न मनाते थे। वहीं, कुछ मुस्लिम संगठन इस दिन शोक मनाते थे। इस बार ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा कि ‘‘गम के दिन’’ के तौर पर मनाया जाएगा ‘‘लेकिन यह लोगों पर निर्भर है।’’ विश्व हिंदू परिषद (विहिप), जो अबतक इस दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाती थी, ने बाबरी विध्वंस की 27वीं बरसी नहीं मनाने का फैसला किया है।

क्या बोले धार्मिक नेता: एआईएमपीएलबी के वरिष्ठ पदाधिकारी जफरयाब जिलानी ने कहा, ‘‘यौम-ए-गम मनाया जाएगा जैसा पिछले साल मनाया गया था। बहरहाल, यह लोगों पर है कि वे शामिल होते हैं या नहीं।’’ जबकि विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, ‘‘कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगा। लोग विभिन्न मंदिरों में मिट्टी के दिये जला सकते हैं। यह भी गौर करना होगा कि सत्य की जीत हुई है और अब उत्सव की कोई प्रासंगिकता नहीं है।’’ रामजन्म भूमि न्यास के मुखिया महंत नृत्य गोपाल दास ने भी 30 नवंबर को इस दिन को शौर्य दिवस के रूप में नहीं बनाने की अपील की थी।

अयोध्या के मौलाना का बयान: राम जन्मभूमि के नजदीक तेढ़ी बाजार मस्जिद के मौलाना शफीक आलम ने गुरुवार को कहा कि जुमे की नमाज मस्जिद में दोपहर एक बजे होगी। उन्होंने कहा कि इसमें 150 से 200 नमाजियों के शामिल होने की उम्मीद है। शफीक आलम ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के एक दिन पहले आठ नवंबर को याद करते हुए कहा, “यहां कोई झड़प नहीं हुई लेकिन फैसले को लेकर लोग दुखी हैं। मैं भी अपने पैतृक स्थान बिहार के गया चला गया था और 19 नवंबर को लौटा। पुलिस बहुत मददगार रही।’’

यूपी पुलिस मुस्तैद: उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) पीवी रामशास्त्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘छह दिसंबर की सुरक्षा व्यवस्था नौ नवंबर को की गई सुरक्षा व्यवस्था की निरंतरता होगी।’’ अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आशीष तिवारी ने कहा कि पूरे जिले को चार क्षेत्रों, 10 सेक्टर और 14 उप सेक्टर में बांटा गया है। एसएसपी ने कहा, ‘‘रेत की बोरियों से 78 चौकियां स्थापित की गई है जिसमें सशस्त्र पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। तिवारी ने कहा कि 305 शरारती तत्वों की पहचान की गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। इसके अलावा नौ त्वरित कार्रवाई दल तैनात किए गए हैं।