भारत में अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी (Spectrum Auction) सोमवार को खत्म हो गई। सात दिन तक चली इस नीलामी में 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा कीमत के 5G दूरसंचार स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड बिक्री हुई। नीलामी में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की कंपनी जियो (Jio) ने अपनी सबसे अधिक बोली लगाई।

5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, सुनील मित्तल की भारती एयरटेल, गौतम अडानी की अडानी इंटरप्राइजे लिमिटेड और वोडाफोन-आइडिया ने हिस्सा लिया। रिलायंस जियो 5G स्पेक्ट्रम नीलामी की टॉप बिडर बन गई है। इसके बाद भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का स्थान रहा। मुकेश अंबानी की Jio ने 88,078 करोड़ रुपये की बोली के साथ बेचे गए सभी एयरवेव्स के लगभग आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया। अडानी समूह ने 400 मेगाहर्ट्ज के लिए 212 करोड़ रुपये का भुगतान किया। टेलीकॉम टाइकून सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई जबकि वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने 18,799 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदा।

26 जुलाई से शुरू हुई थी नीलामी: दूरसंचार विभाग ने इस नीलामी में कुल 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की बिक्री की पेशकश की थी। 26 जुलाई 2022 को शुरु हुए 5G स्पेक्ट्रम नीलामी का दौर 1 अगस्त 2022 को खत्म हो गया। नीलामी प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश(पूर्वी) मार्केट के लिए 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए जबरदस्त नीलामी देखने को मिली है। यूपी-ईस्ट सर्किल के लिए यूनिट प्राइस बेस प्राइस से 91 करोड़ रुपये से 76.5 फीसदी से बढ़कर 160. 57 करोड़ रुपये पर जा पहुंची।

शनिवार को मांग में अपेक्षाकृत नरमी के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्वी सर्किल, जिसमें लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर और कानपुर शामिल हैं, में 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए एक बार फिर से बोली लगाने में तेजी देखी गयी। उत्तर प्रदेश पूर्व में 10 करोड़ से ज्यादा के मोबाइल ग्राहक हैं।

पूरे देश में एक साथ नहीं मिलेगी 5जी सर्विस: बोलियां लगाने वाली मोबाइल कंपनियों को 7500 करोड़ रुपये की रकम चुकानी है। इसके बाद जिन-जिन एयरवेव्स के लिए कंपनियों को स्पेक्ट्रम मिला है, सरकार 15 अगस्त से पहले उसका आवंटन करेगी। कंपनियां सितंबर-अक्टूबर तक 5जी सेवाओं की शुरुआत कर सकती हैं। हालांकि एक साथ पूरे देश में 5जी सर्विस नहीं मिलेगी क्योंकि जहां-जहां टेस्टिंग की गई है, वहां यह सर्विस शुरू हो जाएगी। इस लिस्ट में देश के 13 प्रमुख शहरों के नाम हैं। टैरिफ की घोषणा भी उसी के बाद होगी।