आज के समय में पैसा लोगों के लिए बहुत कुछ है लेकिन सबकुछ नहीं है। इस बात को सही साबित कर दिखाया है महाराष्ट्र के सतारा में रहने वाले धनाजी जगदाले ने। जगदाले ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए बस स्टॉप पर मिले 40 हजार रुपये को उसके मालिक को लौटाया।

इस पर जब पैसे के मालिक ने जगदाले को ईनाम के रूप में जब 1000 रुपये देने की कोशिश की तो उसने महज 7 रुपये ही लिए। इसकी वजह यह थी कि जगदाले की जेब में महज तीन रुपये थे जबकि उसे घर जाने के लिए बस किराये के रूप में 10 रुपये की जरूरत थी।

घटना के बारे में जगदाले ने बताया कि दिवाली के दिन मैं किसी काम से दहीवाड़ी गया था। मैं जब बस स्टॉप पर पहुंचा तो मुझे पास में नोटों की गड्डी दिखाई दी। मैंने आसपास के लोगों से पूछा और आखिरकार मुझे एक व्यक्ति मिल गया जो परेशान था और कुछ तलाश कर रहा था। मैंने पूछताछ के बाद नोटों का बंडल उसे सौंप दिया।

उन्होंने बताया कि पैसों के मालिक ने बताया कि बंडल में 40 हजार रुपये हैं। उसने यह पैसे अपनी पत्नी की सर्जरी के लिए इक्ट्ठा किया था। उसने मुझे 1000 रुपये देना चाहा लेकिन मैंने सिर्फ 7 रुपये ही लिए क्योंकि मेरे गांव का किराया 10 रुपये था और मेरी जेब में महज 3 रुपये ही थे।

जगदाले की इस ईमानदारी के चर्चे चारों तरफ हो रहे हैं। सतारा से भाजपा विधायक शिवेंद्रराजे भोंसले, पूर्व सांसद उदयनराजे भोंसले और कई अन्य संगठनों ने जगदाले को उनकी ईमानदारी के लिए सम्मानित किया। हालांकि, जगदाले ने किसी भी संगठन से नकद राशि लेने से इनकार कर दिया।

सतारा जिले के कोरेगांव तहसील के राहुल बर्गे वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं। जगदाले की ईमानदारी से प्रभावित होकर राहुल को 5 लाख रुपये इनाम देने की पेशकश की। हालांकि, जगदाले ने इन पैसों की पेशकश को भी मना कर दिया। जगदाले का कहना है कि मैं सोचता हूं कि किसी का पैसा लेने से आपको संतुष्टि नहीं मिल सकती। मैं जो लोगों को एकमात्र संदेश देना चाहता हूं वह है कि लोगों को ईमानदारी के साथ जीवन जीना चाहिए।