मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार वेरिफिकेशन की बाध्यता खत्म किए जाने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से 50 करोड़ मोबाइल फोन के केवाईसी प्रक्रिया टेलिकॉम कंपनियों के लिए सिरदर्द साबित होने की बात सामने आ रही थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही थी कि यदि सिर्फ आधार वेरिफिकेशन के जरिए सिम लिया गया है तो नया पहचान पत्र न दिए जाने की स्थिति में मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट हो सकता है। लेकिन अब टेलिकॉम कंपनी ने इस आशंका को खारिज कर दिया है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन और यूआईडिएआई ने एक संयुक्त बयान में कहा, “मीडिया में चल रही कुछ खबरों में बताया गया है कि 50 करोड़ मोबाइल नंबर जो कि कुल मोबइल कनेक्शन के आधे हैं, वे बंद हो सकते हैं। यह खबर पूरी तरह काल्पनिक और असत्य है।”
Department of Telecommunications & Unique Identification Authority of India (UIDAI) in a joint statement today clarified that a few reports in media that 50 Cr mobile no, almost half of total mobiles in circulation, are at risk of disconnection, are completely untrue & imaginary
— ANI (@ANI) October 18, 2018
बता दें द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, आशंका जताई गई थी कि करीब 50 करोड़ मोबाइल नंबर के बंद होने के आसार हैं। इस मुद्दे पर सरकार में उच्चतम स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। अगर बड़ी तादाद में मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट हुए तो इसका लोगों पर बड़ा असर पड़ेगा। हालांकि, अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि सरकार नए वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरी करने के लिए पर्याप्त समय देगी। बुधवार को टेलिकॉम सेक्रेटरी अरुणा सुंदराराजन ने मोबाइल कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की और मामले का हल निकालने की कोशिश की गई। उधर, टेलिकॉम विभाग ने भी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इस मुद्दे पर चर्चा की।
सुंदराराजन ने अखबार से बातचीत में कहा कि सरकार को लोगों की चिंताओं के बारे में पता है और इस मुद्दे पर जल्द से जल्द रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है। उनके मुताबिक, मोबाइल ग्राहकों को किसी तरह की समस्या न हो। बता दें कि आधार कार्ड वेरिफिकेशन के जरिए सिम कार्ड लेने वालों की एक बड़ी संख्या रिलायंस जियो ग्राहकों की है। भारतीय मोबाइल बाजार में जियो सबसे नया खिलाड़ी है। सितंबर 2016 में अपनी सेवाएं शुरू करने वाला जियो ने अपने ग्राहकों का वेरिफिकेशन बायोमेट्रिक तरीके से ही किया है। जियो ने बुधवार को ही जानकारी दी कि सितंबर के आखिर तक कंपनी के ग्राहकों की संख्या 25 करोड़ को पार कर चुकी है। जियो ही नहीं, बाकी कंपनियों मसलन- भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, बीएसएनएल और एमटीएनएल आदि के ग्राहकों का बड़ा हिस्सा आधार वेरिफिकेशन वाले कस्टमरों का है।
इतना ही नहीं, लाखों पुराने मोबाइल ग्राहक ऐसे भी हैं, जिनका आधार वेरिफिकेशन होने के बाद मोबाइल कंपनियों ने उनके पहले के वेरिफिकेशन दस्तावेज संभवत: नष्ट कर दिए। माना जा रहा है कि आधार से मोबाइल नंबर लिंक होने की वजह से कंपनियों ने ऐसा किया। मोबाइल कंपनियों का कहना है कि वे इस मुद्दे पर टेलिकॉम विभाग की ओर से निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोबाइल ग्राहकों को दोबारा से केवाईसी दस्तावेज देने पड़ सकते हैं। इसके लिए पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड, बिजली का बिल, गैस बिल या पैन कार्ड की कॉपी देनी पड़ेगी।