युनाइटेड नेशन (यूएन) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को करारा जवाब देने के लिए पांच राजनयिकों ने कड़ी मेहनत की थी। इसके लिए पांचों ने न्यू यॉर्क में मौजूद यूएन ऑफिस में लगभग पांच घंटे और 15 मिनट तक तैयारी की। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, नवाज के भाषण के बाद ईनम गंभीर को बोलने भेजना भी रणनीति का हिस्सा था। गंभीर आईएफएस (IFS) ऑफिसर हैं और वह सभी राजनायिकों में सबसे जूनियर थीं। लेकिन फिर भी नवाज के भाषण के बाद उन्हें भेजा गया। इसपर बात करते हुए एक राजनयिक ने कहा, ‘इसका मकसद दुनिया को यह दिखाना था कि दूसरे पक्ष की सरकार के मुखिया की टक्कर हमारा सबसे जूनियर ऑफिसर भी ले सकता है।’
बुधवार को दोपहर 2 बजे के करीब नवाज शरीफ ने अपना भाषण दिया था। इसके बाद भारतीय राजनयिकों ने यूएन हेडक्वाटर से कुछ दूरी पर मौजूद सय्यद अकबरूद्दीन के ऑफिस पर एक मीटिंग की। उस मीटिंग में ही सब कुछ तय हुआ। एक राजनयिक ने कहा, ‘हम लोग संदेश को छोटा रखना चाहते थे। ऐसी मुख्य बातें कह देना चाहते थे जो कि 3 से 4 मिनट में पूरी हो जाएं। हमने लगभग 500 शब्द की स्पीच तैयार की थी। इसे इसलिए छोटा रखा गया ताकि इसे जल्दी से पढ़ा जा सके और सोशल मीडिया पर भी इसे कम शब्दों के साथ शेयर किया जा सके।’
मीटिंग में मौजूद ज्यादातर लोग पाकिस्तान के साथ किसी ना किसी रूप में जुड़े रहे हैं। अकबरुद्दीन इस्लामाबाद में राजनीतिक परामर्शदाता रह चुके हैं। वहीं सुजाता मेहता ने भी पाकिस्तान के मुद्दों पर कई मौकों पर काम किया है। वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पीवी नरसिम्हा राव के साथ भी काम कर चुकी हैं। वहीं सय्यद ईनम ने भी पाकिस्तान डिवीजन में काम किया है। उसके बाद वह न्यू यॉर्क में आकर सचिव (आतंक से मुकाबला करने वाले संगठन की इंचार्ज) बनी।
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यूएन में चल रही जनरल एसेंबली की मीटिंग में भारत की तरफ से नवाज शरीफ को ईनम गंभीर ने करारा जवाब दिया था। गंभीर ने कहा था, ‘पाकिस्तान आतंक को शरण देने वाला देश है और उसकी वजह से भारत और बाकी पड़ोसी देशों को भी परेशानी होती है। अब बात हमारे क्षेत्र में भी बाहर होती जा रही है।’ गंभीर के भाषण के बाद वह सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी कर रही थीं।