केंद्र सरकार ने 400 चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और कंपनी सचिवों (सीएस) के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है, जिनपर आरोप है कि मानदंडों और नियमों की धज्जियां उड़ाकर मेट्रो शहरों में चीनी शेल कंपनियों के साथ जुड़े थे। यह एक्शन 2020 की गलवान झड़प के बाद चीन और चीनी कंपनियों के खिलाफ भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम की ही कड़ी है।

गलवान में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सीनियर ऑफिसर ने इस मामले में बताया कि जिन सीए और कंपनी सचिवों (सीएस) के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई हैं, उन्होंने नियमों और कानून का पालन किए बिना बड़ी संख्या में चीन के स्वामित्व वाली या चीन से संचालित शेल कंपनियों को शामिल करने में मदद की थी। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने पिछले दो महीनों में वित्तीय खुफिया एजेंसी से प्राप्त इनपुट के आधार पर इस कार्रवाई की सिफारिश की है। फिलहाल, मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान एक वैधानिक निकाय है जो देश में चार्टर्ड एकाउंटेंसी के पेशे को नियंत्रित करती है। आईसीएआई की तरफ से कहा गया है कि अनुशासनात्मक निदेशालय को विभिन्न रजिस्ट्रार दफ्तरों से चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की चीनी कंपनियों के साथ मिलीभगत की खबर मिली है। इन शिकायतों के आधार पर आगे की जांच सीए (पेशेवर और अन्य कदाचार और मामलों के आचरण की जांच की प्रक्रिया) रूल, 2007 के तहत की जा रही है। इस मामले में विस्तृत जांच के बाद ही सारी बातें सामने आएंगी और इस फिलहाल, पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।

इस मामले पर इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। टैक्स चोरी और अन्य मामलों में पिछले साल अक्टूबर से अब तक टेलीकॉम, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग में करीब आधा दर्जन चीनी कंपनियों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापेमारी की है।