सही काम न करने वाले अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए केंद्र सरकार ने राजस्‍व सेवाओं के 33 अफसरों को गुरुवार को समय पूर्व रिटायरमेंट दे दिया। वित्‍त मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया,’राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई अधिकारियों की उस धारणा को बदलने का हिस्सा था, जिसमें यह धारणा है कि खराब प्रदर्शन या जनता को परेशान करने से उनकी नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार ने सुशासन के सिद्धांतों का पालन करते हुए इस धारणा को बदलने के लिए कई कदम उठाए हैं। दो साल पहले जब यह सरकार सत्‍ता में आई थी जब इसने जिम्‍मेदारी तय करने के लिए ऐसे राजस्‍व अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे।’

पिछले दो साल में अन्‍य विभागों में भी इस तरह की कार्रवाई की गई है और ग्रुप ए अधिकारियों समेत 72 अफसरों को बर्खास्‍त किया गया है। हालांकि सरकारी अधिकारियों के कामकाज के रिव्‍यू के लिए पहले से नियम बने हुए हैं लेकिन अफसरों को समय से पहले रिटायर करने जैसी कार्रवाई नहीं हुई।

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सभी केंद्रीय कर्मचारियों के काम पर फंडामेंटल रूल्‍स और सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल्‍स के तहत नजर रखी जाती है। कंपलसरी रिटायरमेंट दोनों रूल्‍स में शामिल है। वर्तमान में रिटायर किए गए अधिकारियों पर वित्‍त मंत्रालय ने नियम संख्‍या 56(j) के तहत कार्रवाई की। मंत्रालय का कहना है कि संबंधित अथॉरिटी को जरूरत पड़ने पर जनहित में रिटायर करने का पूरा अधिकार है।

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