कांग्रेस के तीन विधायकों को राज्यपाल के अभिभाषण की प्रतियां फाड़ने के कारण राज्य विधानसभा से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। विपक्षी सदस्यों ने उस समय राज्यपाल के अभिभाषण की प्रतियां फाड़ीं, जब वे पार्टी विधायकों को बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के विधानसभा में अभिभाषण को बाधित करने को लेकर निलंबित किए जाने को लेकर अध्यक्ष के आसन के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

कांग्रेसी विधायकों पर आरोप है कि उन्होंने राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल के प्रति अनादर दिखाकर सदन का शिष्टाचार और निर्धारित परंपराओं को तोड़ा है। मंगलवार को सदन ने एक प्रस्ताव पारित करके पूर्व विधानसभाध्यक्ष कुलदीप शर्मा, जयवीर सिंह और जगबीर सिंह मलिक को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया। इसके साथ ही तीनों विधायकों के किसी भी विधानसभा समिति की सदस्यता लेने पर एक साल के लिए रोक लगा दी गई है।

हालांकि बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करन सिंह दलाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘किसी भी सदस्य को एक प्रस्ताव लाकर छह महीने के लिए निलंबित करने का कोई प्रावधान नहीं है। हरियाणा विधानसभा में कामकाज की प्रक्रिया और नियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हरियाणा के 50 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। अधिक से अधिक किसी सदस्य को सत्र के बाकी दिनों के लिए निलंबित किया जा सकता था।’

रणदीप सिंह सुरजेवाला को छोड़कर अन्य सभी कांग्रेसी सदस्यों को सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण में व्यवधान डालने और उनके संबोधन के दौरान वॉकआउट करने के लिए हरियाणा विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। कांग्रेस के तीन विधायकों के साथ ही सदन ने एक प्रस्ताव पारित किया था और विधानसभाध्यक्ष ने व्यवस्था दी थी कि कांग्रेसी सदस्य पांच बैठकों तक निलंबित रहेंगे जब तक कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा पूरी नहीं हो जाती।