आरएसएस का छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आरोप लगाया कि लेफ्ट सर्मिथत छात्र संगठन के सदस्यों ने जेएनयू इकाई के उसके सचिव समेत अन्य सदस्यों पर हमला किया है। संगठन का यह भी आरोप है कि इस हमले में संगठन के 11 सदस्य भी लापता हो गए हैं। बता दें कि डंडों से लैस नकाबपोश लोगों के छात्रों एवं शिक्षकों पर हमला करने और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद रविवार (05 जनवरी) की रात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा भड़क उठी। इसके बाद प्रशासन को परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी। जेएनयू अभी भी तनाव का माहौल है।

एबीवीपी ने लगाया लेफ्ट पर मारपीट का आरोपः एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वाम छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ के छात्रों ने उसके सदस्यों पर ‘निर्ममता’ से हमला किया है। संगठन ने यह भी कहा, ‘इस हमले में करीब 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हुए और 11 छात्रों का कुछ अता-पता नहीं।’ इसने कहा, ‘लेफ्ट के नकाबपोश गुंडे आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में घुसे और रजिस्ट्रेशन के लिए गए छात्रों को पीटा।’

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एबीवीपी- हमला में कई छात्र लापताः मामले में संगठन ने यह भी कहा, ‘एबीवीपी से संबद्ध जेएनयू के छात्रों पर निर्ममता से हमला किया गया।’ एबीवीपी के अनुसार, इसकी जेएनयू इकाई के सचिव और पिछले साल के जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगीड़ भी गंभीर रूप से घायल हो गए (उनके हाथ की हड्डी टूट गई है)। कई छात्रों के सिर पर चोट आई है और कुछ छात्र अब भी लापता हैं।

जेएनयू छात्र संघ और एबीवीपी लगा रहे एक दूसरे पर आरोपः वाम नियंत्रित जेएनयू छात्र संघ और एबीवीपी ने हिंसा के लिए एक-दूसरे पर आरोप मढ़ा है। बता दें कि यह हिंसा करीब दो घंटे तक जारी रही है। वहीं जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष के सिर पर चोट आई है। इस हमले पर जेएनयू प्रशासन ने कहा, ‘डंडों से लैस नकाबपोश शरारती तत्व आस-पास घूम रहे हैं, संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमला कर रहे हैं।’